BJP सांसद ने की भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट स्थापित करने की मांग, राज्यसभा में दिया शून्यकाल नोटिस
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 9, 2019 10:52 AM2019-12-09T10:52:36+5:302019-12-09T10:52:36+5:30
राज्यसभा में इनके अलावा सांसद शांतनु सेन ने भी एक शून्यकाल नोटिस दिया है। अपने नोटिस में सेन ने पश्चिम बंगाल के नाम को बदलकर बंगाल करने की मांग की है।
भारतीय जनता पार्टी के सांसद हरनाथ सिंह ने 'भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट स्थापित करने की मांग' की है। अपनी मांग को लेकर राज्यसभा में भाजपा सांसद ने राज्यसभा में शून्यकाल नोटिस भी दिया है।
इसके अलावा, राज्यसभा में इनके अलावा सांसद शांतनु सेन ने भी एक शून्यकाल नोटिस दिया है। अपने नोटिस में सेन ने पश्चिम बंगाल के नाम को बदलकर बंगाल करने की मांग की है।
बता दें कि संसद के दोनों सदन के लिए आज का दिन बेहद खास है। ऐसा इसलिए क्योंकि आज संसद में नागरिक संशोधन विधेयक पेश होना है। आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक को पारित कराने के लिए भाजपा ने राज्यसभा के अंकगणित को अपने पक्ष में करने की पूरी तैयारी कर ली है। इसी बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता शशि थरूर का नागरिकता संसोधन बिल पर एक बयान आया है।
शशि थरूर ने कहा है कि नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) के पारित होने का मतलब महात्मा गांधी के विचारों पर मोहम्मद अली जिन्ना के विचारों की जीत होगी। इसके अलावा उन्होंने कहा है कि धर्म के आधार पर नागरिकता देने से भारत का स्तर गिरकर ‘‘पाकिस्तान का हिन्दुत्व संस्करण’’ हो जाएगा।
हालांकि, थरूर ने कहा है कि यदि नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) पारित होता है तो मुझे विश्वास है कि उच्चतम न्यायालय संविधान के मूल सिद्धांतों के ‘खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन’ को अनुमति नहीं देगा। आपको बता दें कि कल (सोमवार) को सदन में अमित शाह नागरिकता संसोधन बिल के पेश करेंगे।
240 सदस्यों की प्रभावी क्षमता वाले सदन में भाजपा के पास अपने 83 सांसदों के साथ एनडीए के कुल 109 सांसद हैं, जबकि उसे बीजद, शिवसेना, टीआरएस व वाएएसआरसीपी के 18 सांसदों का समर्थन मिलने की भी संभावना है।
इस साल की शुरुआत में राज्यसभा का गणित पक्ष में नहीं होने और एनडीए व समर्थन की संभावना वाले दलों के विरोध में इसे उच्च सदन में लाया नहीं जा सका था। तब से अब तक सदन का अंकगणित बदल गया है।
विधयेक में जरूरी बदलाव कर भाजपा ने पूर्वोत्तर के दलों को अपने साथ खड़ा किया है। पिछली बार विरोध करने वाले जदयू व बीजद भी अब समर्थन करने की बात कर रहे हैं। विपक्षी खेमे में गई शिवसेना व वाएएसआरसीपी भी इसके पक्ष में हैं।