लखनऊ, 21 अगस्तः उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सबसे बड़ी चुनौती का सबब बन गया है। अंदरखाने रह-रह कर उद्गार उठ रहे हैं। हाल ही में बीजेपी ने यूपी की कार्यसमिति की बैठक हुई थी, मेरठ में। वहां यूपी के सभी पदाधिकारियों, सांसदों और विधायकों को बुलाया गया। इसमें अमित शाह ने आखिर दिन आकर बेहद अहम रणीनति का जिक्र किया। लेकिन बाद में यह कहा जाने लगा कि रणनीति तो बहाना थी, यह बैठक टिकट बंटवारे को लेकर की गई थी। बैठक के बाद तत्काल यह जानकारी सामने नहीं आ पाई थी कि किसके टिकट काटे जाने हैं और वे नये लोग कौन से हैं जिन्हें बीजेपी टिकट देने जा रही है।
इसकी पूरी जानकारी तो अभी भी सामने नहीं आई है। लेकिन कुछ बड़े नामों को लेकर बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों ने जानकारी लीक कर दी है। इसमें बताया जा रहा है कि ज्यादातर ऐसे सांसदों के टिकट कटने जा रहे हैं, जिन्होंने बगावती सुर छेड़े थे। इसमें रॉबर्ट्सगंज के विधायक छोटेलाल से लेकर इटावा के सांसद अशोक कुमार दोहरे समेत कई बड़े नेताओं का नाम है। इसमें सबसे बड़े नामों में मुरली मनोहर जोशी और सावित्री बाई फुले, कलराज मिश्र आदि के नाम हैं।
एक हालिया जानकारी के मुताबिक देवरिया के सांसद कलराज मिश्रा का टिकट काटकर बीजेपी प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी को मैदान में उतारने वाली है। वहीं, कानपुर के सांसद मुरली मनोहर जोशी का टिकट काटकर राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह को मैदान में उतारने के मूड में हैं। पंकज फिलहाल नोएडा से विधायक हैं। उल्लेखनीय है कि मुरली मनोहर जोशी अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी के साथ मिलकर एक त्रयी बनाते थे, जिनकी अर्से तक बीजेपी पर एकछत्र राज रहा। लेकिन अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं। फिर भी अगर बीजेपी इनकी टिकट काटती है तो एक खेमा ऐसा है जो इस फैसले के खिलाफ जाएगा और आपस में तकरार होने के स्थिति बन सकती है। मगर दूसरी खबर यह है कि पीएम मोदी ने खुद अपने ऐप के जरिए कई सांसदों पर नजर रखे हुए हैं और उनकी मर्जी से ही जिसकी भी टिकट कटने होंगे, कटेंगे।
इससे पहले आनंद बाजार पत्रिका ने एक खबर प्रकाशित की थी। जिसमें इस बार बीजेपी के करीब 150 सांसदों के टिकट काटने के बारे में लिखा हुआ था। आनंद बाजार पत्रिका के मुताबिक विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वरिष्ठ सांसद मुरली मनोहर जोशी, करिया मुंडा, वरिष्ठ नेता शांता कुमार, बीसी खंडूरी, उमा भारती, कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन जैसे दिग्गज नेताओं को इस बार अलग-अलग कारणों से बीजेपी चुनाव से दूर रख सकती है। इसके अलावा सोनभद्र की रॉबर्ट्सगंज सीट के सांसद छोटेलाल, शत्रुघ्न सिन्हा आदि कुछ ऐसे नेता हैं जो पार्टी के भीतर रहकर लगातार बीमारी के नाम पर कट सकता है सुषमा स्वराज का टिकट खबर के मुताबिक मध्य प्रदेश की विदिशा से सांसद सुषमा स्वराज से बीमारी का हवाला दिलवा कर उनका टिकट काट लिया जाएगा।
जबकि एमपी की ही इंदौर सीट की सांसद सुमित्रा महाजन को उम्र का हवाला और ऐसा प्रचारित किया जाएगा उन्होंने खुद ही अब चुनाव लड़ने से मना दिया है। वहीं उत्तर प्रदेश की झांसी सीट की सांसद उमा भारती, कानपुर के सांसद मुरली मनोहर जोशी, बिहार के पूर्वी चंपारण राधा मोहन सिंह के बारे में ऐसा बताया जाएगा कि अब वे चुनाव नहीं लड़ना चाहते। इसी तरह से झारखण्ड की खूंटी के सांसद करिया मुंडा व शांता कुमार, बीसी खंडूरी आदि के टिकट भी अब उम्र ढल जाने का हवाला देकर काटने की तैयारी है।
हालिया सर्वे में पिछड़ रही है बीजेपी
हाल-फिलहाल हुए सर्वे में आए नतीजे भी इसी ओर इशारा करते हैं। सर्वे में लगातार ऐसे खुलासे हो रहे हैं कि बीजेपी को सीटों को लेकर बड़े नुकसान होने वाले हैं।
India Today-Karvy Insights Mood of the Nation (MOTN) के सर्वे में यह माना गया कि अगर यूपीए में सपा, बसपा और तृणमूल शामिल हो जाते हैं तो यूपी को करीब 224 सीटें मिलेंगी और एनडीए को करीब 228 सीटें मिल सकती हैं। अन्य दलों को करीब 91 सीटें मिलेंगी।
इससे पहले एबीपी न्यूज ने जुलाई में एक सर्वे जारी किया। इसमें बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए की सीटें पिछले आम चुनाव (2014) की तुलना में तेजी से घटती नजर आ रही हैं। इस सर्वे के मुताबिक 543 में से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) 274 सीटों पर सिमट सकती हैं। जबकि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) को 164 सीटें मिलने की बात की गई है। जबकि 2014 में एनडीए को 325 सीटें मिली थीं।