कोरोना की वजह बिहार बेहाल, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत से नाराज सीएम नीतीश, हटा सकते हैं पद से
By एस पी सिन्हा | Published: July 27, 2020 05:09 PM2020-07-27T17:09:37+5:302020-07-27T17:09:37+5:30
स्वास्थ्य विभाग के पूर्व प्रधान सचिव संजय कुमार को जिम्मेवारी सौंपे जाने की चर्चा तेज हो गई है. आम लोगों के साथ ही अब डॉक्टरों के सबसे बडे़ संघ आईएमए ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर संजय कुमार को दुबारा प्रधान सचिव बनाने की मांग कर दी है.
पटनाः बिहार में कोरोना की वजह से चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से नाराजगी का मामला अब नया रंग लेता नजर आ रहा है.
एक बार फिर से स्वास्थ्य विभाग के पूर्व प्रधान सचिव संजय कुमार को जिम्मेवारी सौंपे जाने की चर्चा तेज हो गई है. आम लोगों के साथ ही अब डॉक्टरों के सबसे बडे़ संघ आईएमए ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर संजय कुमार को दुबारा प्रधान सचिव बनाने की मांग कर दी है.
आईएमए ने लिखा है कि कोरोना से बिगड़ते हालात पर नियंत्रण पाने के लिए फिर से संजय कुमार को लाना जरूरी है. आईएमए के सचिव डॉ सुनील कुमार और वरीय उपाध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने साफ कहा कि जब तक संजय कुमार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव थे, तब तक हालात नियंत्रण में थी.
कोरोना से जुडे डाटा भी समय उपलब्ध कराए जा रहे थे
अस्पतालों की सही से मॉनिटरिंग भी की जा रही थी. कोरोना से जुडे डाटा भी समय उपलब्ध कराए जा रहे थे. लेकिन वर्तमान प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत के आने के बाद हर जगह त्राहिमाम मचा है. वे किसी से संवाद और राय विचार भी नहीं करते हैं. ऐसे में सूत्रों की अगर मानें तो स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी चाहते हैं कि संजय कुमार को ही फिर से आपदा जैसी आपात हालात में प्रधान सचिव बनाया जाए.
यहां तक कि 2 दिनों पहले कैबिनेट बैठक में ही स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत की मुख्यमंत्री के सामने पोल खोल दी थी. उन्होंने शिकायत की थी कि उदय सिंह कुमावत मंत्री की बात नहीं सुनते हैं. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने जमकर प्रधान सचिव को फटकार लगाई थी और चेतावनी देते हुए कहा था कि आपसे नहीं संभलता है तो आप विभाग को छोड़ दें.
मुख्यमंत्री ने इसी बैठक में कुमावत को प्रतिदिन सैम्पल जांच के लिए 20 हजार का टारगेट भी दिया था. सचिवालय में इस प्रकरण के बाद चर्चा गर्म है और कहा ये जा रहा है कि अगले 48 घंटे में सरकार प्रधान सचिव को हटाने का आदेश भी जारी कर सकती है.
ऐसे में अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार क्या फैसला लेते हैं क्योंकि कुछ माह पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद प्रधान सचिव संजय कुमार से नाराज थे. लेकिन बिगडती स्थिती में अब सरकार के पास दूसरा विकल्प भी नहीं है.
ऐसे में एक बार फिर तेज तरार ऑफिसर संजय कुमार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव का जिम्मा मिल सकता है. आईएमए के सचिव डॉ सुनील ने अनुरोध किया है कि जिस प्रकार प्रशासनिक और पुलिसकर्मियों के लिए कोविड अस्पतालों में 25 फीसदी बेड आरक्षित करने का निर्देश दिया गया है, उसी प्रकार डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए भी 25 फीसदी बेड आरक्षित की जाए.