पटनाः बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर बिहार में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को लेकर नीतीश सरकार पर हमला बोला है.
उन्होंने कहा कि बिहार में कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रहा है. राज्य में 13 फीसदी पॉजिटिव रेट है. तेजस्वी यादव ने बिहार कोरोना की धीमी जांच पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि बिहार को बचाना है तो प्रति 1 लाख जांच होना चाहिए.
आज एक के बाद एक तीन ट्वीट कर तेजस्वी ने कहा कि जिस हिसाब से बिहार में केस बढ़ रहे है, अगर प्रतिदिन 30-35 हजार जांच हो तो रोज 4-5 हजार नए मरीज मिलेंगे और संक्रमण में बिहार देश में सबसे ऊपर आ जायेगा. तेजस्वी ने आगे बताया कि इस बात की प्रबल संभावना है की बिहार कोरोना का नेशनल हॉट स्पॉट ही नहीं बल्कि ग्लोबल हॉट-स्पॉट बनने की ओर अग्रसर है.
बिहार में जांच सबसे कम और केस पॉजिटिव रेट देश में सबसे ज़्यादा है. तेजस्वी ने कहा कि आबादी और क्षेत्रफल के लिहाज से बिहार के समकक्ष राज्य 30-40 हजार जांच प्रतिदिन कर रहे हैं, वहीं बिहार बमुश्किल पिछले 3 दिन से 10 हजार जांच कर पा रहा है.
विगत 4 महीनों में बिहार में प्रतिदिन 4159 औसत जांच हुआ है
विगत 4 महीनों में बिहार में प्रतिदिन 4159 औसत जांच हुआ है. पिछले एक हफ्ते में कम जांच के बावजूद प्रतिदिन एक हजार से ज्यादा नए केस रिपोर्ट हो रहे हैं. आगे तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश सरकार के काम से लोगों में निराशा है.
बिहार में लॉकडाउन का सही इस्तेमाल नहीं हो रहा है. पूरे देश में बिहार का टेस्टिंग रेट सबसे कम है. कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन मास्क तक उनके परिजन ही लगा रहे हैं. हमारी मांग है कि अगस्त महीने से बिहार सरकार 1 लाख टेस्ट प्रति दिन करे.
बिहार अब ग्लोबल कैपिटल ऑफ कोरोना बनने की राह पर है. सरकार सही आंकड़ा लोगों के सामने नहीं रख रही है. उन्होंने बिहार में कोरोना के आंकड़ों पर भी सवाल उठाया है. तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार सरकार सही आंकड़ा लोगों के सामने नहीं रख रही है.
बिहार स्वास्थ्य विभाग के पुराने प्रधान सचिव को इसलिए हटा दिया गया क्योंकि उन्होंने पारदर्शिता से काम किया था. नीतीश कुमार की विफलता के कारण ही सेंट्रल टीम को बिहार भेज जा रहा है. हम धन्यवाद देते हैं कि टीम आ रही है और यहां के हालात को देखेगी भी.
बिहार के हॉस्पिटल में कोरोना मरीजों का एडमिशन नहीं हो रहा है और जो मरीज भर्ती भी हो रहे हैं, तो उनको देखने वाला कोई नहीं. बिहार में डॉक्टर ठेले पर जाते हैं, पीएमसीएच में रेप हो जाता है, एम्स में अपर सचिव की मौत हो जाती है. कोरोना मरीज के परिजन वीडियो बनाकर भेज रहे हैं. जो डॉक्टर मारे गए हैं उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाए, साथ ही 1 करोड़ रुपया मुआवजा दिया जाए.