Bihar News: राज्यसभा चुनाव के लिए RJD उम्मीदवारों ने आज भरा अपना पर्चा, महागठबंधन में किचकिच
By एस पी सिन्हा | Published: March 13, 2020 07:58 PM2020-03-13T19:58:57+5:302020-03-13T19:58:57+5:30
भाजपा ने जहां विवेक ठाकुर को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया, जिनकी कहीं कोई चर्चा ही नहीं थी तो वहीं, राजद ने भी अमरेंद्रधारी सिंह के नाम की घोषणा कर सबको हैरत में डाल दिया था.
पटना: बिहार से राज्यसभा की पांच सीट के लिए होने वाले चुनाव में से जहां राजद के दो सीट के लिए उसके उम्मीदवारों ने गुरुवार को विधानसभा में अपना नामांकन दाखिल किया था, वहीं एनडीए के तीन सीटों में से दो सीट के लिए जदयू और एक सीट के लिए भाजपा के उम्मीदवारों ने आज अपना नामांकन दाखिल किया. इसमें भाजपा की ओर से विवेक ठाकुर और इसके साथ ही जदयू की ओर से रामनाथ ठाकुर और हरिवंश नारायण सिंह ने भी नामांकन दाखिल किया.
इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार, बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के अलावा दोनों ही पार्टियों के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे. हरिवंश नारायण सिंह ने लगातार दूसरी बार राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किया है. देश के जाने-माने पत्रकार हरिवंश उच्च सदन के उप-सभापति भी हैं. यहां बता दें कि जदयू की ओर से जहां पूर्व निर्धारित नाम, हरिवंश और रामनाथ ठाकुर के रूप में ही सामने आए थे, वहीं राजद और भाजपा ने अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर सबको चौंका दिया था.
जानिए कौन है बीजेपी के उम्मीदवार विवेक ठाकुर
भाजपा ने जहां विवेक ठाकुर को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया, जिनकी कहीं कोई चर्चा ही नहीं थी तो वहीं, राजद ने भी अमरेंद्रधारी सिंह के नाम की घोषणा कर सबको हैरत में डाल दिया था. बता दें कि भाजपा के उम्मीदवार विवेक ठाकुर बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता व प्रसिद्ध चिकित्सक डॉक्टर सीपी ठाकुर के बेटे हैं, जिन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पटना के संत माइकल हाईस्कूल से की है तो वहीं दिल्ली के किरोडीमल से स्नातक के बाद विदेश व्यापार में एमबीए और लॉ की डिग्री ली है, वे बिहार भाजपा युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष और कार्यसमिति सदस्य बने थे. राष्ट्रीय टीम के सदस्य के तौर पर गुजरात, बंगाल में पार्टी के लिए भी काम किया है. 2014 में वे कुछ समय के लिए विधान परिषद के सदस्य बने. 2015 में बक्सर के ब्रह्मपुर विधानसभा से चुनाव लडे पर हार गए.
प्रत्याशी अमेंद्रधारी सिंह के बारे में
वहीं, राजद के हैरान करने वाले प्रत्याशी अमरेंद्रधारी सिंह भूमिहार समाज से आते हैं और वे लालू को काफी लंबे समय से जानते हैं. वे पटना जिले के विक्रम के रहने वाले हैं और कांग्रेस नेता अहमद पटेल के काफी करीबी माने जाते हैं. अमरेंद्रधारी सिंह समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं और सामाजिक कार्यकर्ता होने के साथ ही राजद से जुडे हुए हैं. 55 साल के अमरेंद्रधारी सिंह का राजधानी के पाटलिपुत्र कॉलोनी में अपना मकान है और उन्होंने अब तक शादी नहीं की है. पटना के पालीगंज के अंइखन गांव में उनके पास एक हजार बीघा जमीन है. रियल एस्टेट में डील करते हैं और 13 देशों में फर्टिलाइजर और केमिकल का कारोबार है. जबकि राजद के दूसरे प्रत्याशी प्रेमचंद गुप्ता हरियाण निवासी हैं धनकुबेरों में इनकी गिनती की जाती रही है. वह लालू प्रसाद यादव के साथ केन्द्र में मंत्री भी बने थे. लालू से उनका पुराना नाता रहा है.
जानिए कौन है जदयू के उम्मीदवार हरिवंश
वहीं, जदयू के उम्मीदवार हरिवंश ढाई दशक से अधिक समय तक झारखंड से प्रकाशित प्रभात खबर के प्रधान संपादक रहे हैं. उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के सिताबदियारा गांव में 30 जून, 1956 को जन्मे हरिवंश को जेपी आंदोलन से काफी प्रभावित माने जाते हैं. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए और पत्रकारिता में डिप्लोमा की पढ़ाई करने वाले हरिवंश ने अपने कैरियर की शुरुआत टाइम्स समूह से की थी. हरिवंश ने रविवार और धर्मयुग जैसी कई प्रसिद्ध पत्रिकाओं में काम किया. इसके बाद वे 90 के दशक में प्रभात खबर से जुडे. इस संस्थान को हरिवंश राय ने दो दशक तक अपनी सेवाएं दीं.
हरिवंश राजपूत जाति से आते हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी हैं. जबकि जदयू के दूसरे उम्मीदवार रामनाथ ठाकुर पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के पुत्र हैं. तीन मार्च,1950 को उनका जन्म हुआ था. समस्तीपुर जिले के कर्पूरी ग्राम के वे निवासी है. बिहार सरकार में वे जनसंपर्क मंत्री भी रह चुके हैं. वर्ष 1914 में भी वे जदयू से राज्यसभा मे गए थे. इसतरह से बिहार में अब मतदान की नौबत नही आनेवाली है. क्योंकि पांच सीट के लिए होने वाले चुनाव के लिए पांच प्रत्याशी हीं चुनाव मैदान में हैं. ऐसे में इनके नामांकन की कागजातों की स्क्रूटनी के बाद निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया जायेगा.
समझे पूरी राजनीति
उधर, राज्यसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर महागठबंधन में नाराजगी देखी जाने लगी है. इसको लेकर शरद यादव ने बागी तेवर दिखाते हुए कहा है कि इस महीने मैं बिहार जाऊंगा और साथियों से चर्चा करने के बाद कोई फैसला करेंगे. उन्होंने ये भी कहा कि महागठबंधन की सेहत के बारे में सहयोगियों से चर्चा के बाद कोई फैसला लिया जाएगा. उन्होंने आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले फैसले और जीतन राम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा और मुकेश सहनी को साथ लेने पर कहा कि इन सभी मुद्दों पर चर्चा के बाद फैसला लिया जाएगा. अपनी राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवारी नहीं होने पर कहा कि हम रांची गए थे और वहां लालू जी से स्वास्थ्य के मुद्दे पर चर्चा हुई थी. राजनीतिक चर्चा भी हुई थी. लोग अनुमान लगाते रहते हैं. मैं राज्यसभा में अभी हूं. हमारी राज्यसभा सीट का केस चल रहा है.
जबकि, महागठबंधन में राज्यसभा चुनाव को लेकर किचकिच कर कांग्रेस नाराज बताई जा रही है. इस बीच रालोसपा ने राजद पर धोखा देने का आरोप लगाया है. पार्टी के प्रधान महासचिव माधव आनंद ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में किसने किसको धोखा दिया सबको पता है. माधव आनंद ने यह भी कहा कि महागठबंधन में आल इज वेल नहीं है. कुछ पार्टियां चाहती हैं कि गठबंधन में रहें. कुछ पार्टियों को गठबंधन नाम से मतलब नहीं है. जल्द से जल्द ले लें निर्णय नहीं तो किस्मत के धनी हैं नीतीश कुमार, 2020 में फिर से मुख्यमंत्री बन जाएंगे.