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बिहार: नीतीश कुमार के खिलाफ चुनाव में उतरने को लेकर LJP में होगा महामंथन, कल चिराग पासवान कार्यकर्ताओं के साथ करेंगे बैठक

By भाषा | Updated: September 6, 2020 19:33 IST

अब तक नीतीश कुमार पर निशाना साधने के दौरान LJP प्रमुख चिराग पासवान भाजपा पर निशाना साधने से बचते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना भी करते हैं।

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ठळक मुद्देकेंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान की पार्टी की कमान अब उनके बेटे चिराग पासवान संभाल रहे हैं।लोजपा फरवरी 2005 में हुए बिहार विधानसभा के चुनावों में राजद के खिलाफ चुनाव लड़ी थी।लोजपा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाले जनता दल (युनाइटेड) बीते कुछ महीनों से एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं।

नयी दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) अपने बिहार के नेताओं के साथ सोमवार को एक महत्वपूर्ण बैठक कर रही है जिसमें यह तय किया जाएगा कि आगामी राज्य विधानसभा चुनाव जद(यू) के खिलाफ लड़ा जाए या नहीं। हाल के समय में बिहार में सत्ताधारी राजग के दोनों घटक दलों में रिश्ते बिगड़े हैं। लोजपा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाले जनता दल (युनाइटेड) बीते कुछ महीनों से एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं।

नीतीश कुमार के पूर्व मुख्यमंत्री और दलित नेता जीतन राम मांझी से हाथ मिलाने के बाद दोनों दलों के रिश्तों में खटास और बढ़ गई है। मांझी लोजपा पर निशाना साधते रहे हैं। कुमार पर निशाना साधने के दौरान चिराग पासवान भाजपा पर निशाना साधने से बचते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना भी करते हैं। केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान की पार्टी की कमान अब उनके बेटे चिराग पासवान संभाल रहे हैं।

सूत्रों ने कहा कि पार्टी के पास एक विकल्प यह है कि वह केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाले राजग का हिस्सा बनी रहे लेकिन राज्य में उससे अलग होकर चुनाव लड़े जबकि भगवा दल के खिलाफ उम्मीदवार न उतारे। लोजपा फरवरी 2005 में हुए बिहार विधानसभा के चुनावों में राजद के खिलाफ चुनाव लड़ी थी जबकि दोनों क्षेत्रीय दल केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार का हिस्सा थे।

लोजपा ने कांग्रेस से अपना गठबंधन बरकरार रखते हुए राजद के खिलाफ उम्मीदवार उतारे थे। इसकी वजह से राज्य में किसी को भी बहुमत नहीं मिला जिससे लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद का 15 साल का शासन बिहार में खत्म हुआ और कुछ महीनों बाद एक अन्य विधानसभा चुनाव हुआ जिसमें नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला जद (यू) और भाजपा गठबंधन बहुमत के साथ सत्ता में आया।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा समेत तमाम पार्टी नेता राजग के तीनों घटकों के साथ मिलकर आगामी चुनाव लड़ने पर जोर दे रहे हैं लेकिन सूत्रों ने कहा कि असहजता का भाव आ रहा है खास तौर पर नीतीश कुमार द्वारा राजद के नेताओं को अपने पाले में करने की कोशिश और मांझी से गठजोड़ कर वह अपनी स्थिति को मजबूत कर रहे हैं।

जद (यू) ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह लोजपा के साथ सीटों की साझेदारी को लेकर कोई बात नहीं करेगी क्योंकि उसके संबंध परंपरागत रूप से भाजपा के साथ हैं। निर्वाचन आयोग के जल्द ही बिहार विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा करने की उम्मीद है। प्रदेश में विधानसभा की 243 सीटों पर अक्टूबर-नवंबर में चुनाव होने की उम्मीद है।  

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