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बिहारः उपेंद्र कुशवाहा कोई फैसला नहीं लेते तो जल्द हो सकती है NDA गठबंधन से विदाई?

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 23, 2018 10:11 IST

कुशवाहा ने एनडीए को 30 नवंबर तक का वक्त दिया है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि वह अंत तक चुप्पी बनाए रखेंगे और जवाब मिलने पर उस तारीख के बाद अपना जवाब देंगे।

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सीट बंटवारे के मुद्दे पर कंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी का दांव उल्टा पड़ सकता है। अगर जल्दी  ही उन्होंने एनडीए से रिश्ते को लेकर कोई फैसला नहीं किया तो उन्हें गठबंधन से बाहर किया जा सकता है। कुशवाहा ने एनडीए को 30 नवंबर तक का वक्त दिया है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि वह अंत तक चुप्पी बनाए रखेंगे और जवाब मिलने पर उस तारीख के बाद अपना जवाब देंगे।

फर्स्टपोस्ट हिंदी की एक रिपोर्ट में एनडीए के एक सीनियर नेता के हवाले से लिखा है कि, ‘एनडीए के घटक दल में लोकसभा सीट को लेकर कोई परेशानी नहीं है। साथ ही उपेंद्र कुशवाहा पर सबकुछ फाइनल हो गया है.।बीजेपी, जेडीयू और लोक जनशक्ति पार्टी ने कुल 40 सीटों का बंटवारा फाइनल कर लिया है। वहीं कुशवाहा के मामले पर घोषणा जल्द कर दी जाएगी।’ इस बयान से पता चलता है कि एनडीए गठबंधन ने कुशवाहा को किनारे लगाने की तैयारी कर ली है।

रालोसपा प्रमुख और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से आगामी लोकसभा चुनावों के लिए, 2014 के लोकसभा चुनाव से अधिक सीटों की मांग करते हुए साफ कर दिया कि अब वह इस मुद्दे पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बजाय सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करेंगे।

यह पूछे जाने पर कि वह कितनी सीटों की मांग कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि जब तक बातचीत पूरी नहीं होती, तब तक वह संख्या सार्वजनिक नहीं करेंगे। हालांकि वह चाहते हैं कि 2014 के लोकसभा चुनाव में मिली सीटों की तुलना में इस बार अधिक सीटें दी जाएं। उल्लेखनीय है कि 2014 में रालोसपा को तीन सीटें मिली थी और उसके सभी उम्मीदवार विजयी रहे थे ।

कुशवाहा ने कहा, ‘‘रालोसपा की राष्ट्रीय एवं प्रदेश कार्यकारणी की बैठक 4-5 दिसंबर को बिहार के बाल्मिकीनगर में होगी जिसमें पार्टी कार्यकर्ताओं एवं नेताओं से चर्चा के बाद अंतिम घोषणा की जायेगी । ’’ बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के बयान एवं ट्वीट को लेकर कुशवाहा ने भाजपा नेता पर पलटवार करते हुए सृजन घोटाले को लेकर सवाल पूछा। कुशवाहा ने ट्वीट किया,‘‘ महोदय, बिलकुल सच कहा आपने, हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने तो देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की हरसंभव कोशिश की। मगर, जरा, सृजन घोटाले पर भी तो कुछ बोलिए....।’’ 

इससे पहले सुशील कुमार मोदी ने अपने ट्वीट में कहा था कि भाजपा के वरिष्ठ नेता नरेंद्र मोदी की विश्वसनीयता और गरीबों, दलितों-पिछड़ों-अतिपिछड़ों के विकास में उनकी गहरी दिलचस्पी को देखकर 2014 में जनता ने राजग पर भरोसा जताया। सभी घटक दलों ने मिलकर देश को भ्रष्टाचार मुक्त सरकार दी, लेकिन कुछ लोगों को अपने बारे में गलतफहमी हो गई है । 

गौरतलब है कि पिछले महीने जदयू और भाजपा ने राज्य में बराबर सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। हालांकि, उन्होंने सीटों की संख्या का खुलासा नहीं किया था। गठबंधन में लोजपा चौथा सहयोगी दल है।

राजनीतिक पंडितों का मानना है कि उपेंद्र कुशवाहा एनडीए से नाता तोड़ने का ऐलान कतई नहीं करेंगे। ऐसे में अगर उन्हें एनडीए से बाहर किया जाता है तो इसका भी वो राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश करेंगे।

समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर

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