बिहार: जदयू में शामिल हुए पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय, सीएम नीतीश ने दिलाई सदस्यता
By अनुराग आनंद | Published: September 27, 2020 05:07 PM2020-09-27T17:07:24+5:302020-09-27T17:07:24+5:30
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेने वाले गुप्तेश्वर पांडेय जदयू में शामिल हो गए हैं।
पटना: बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय पटना स्थित मुख्यमंत्री आवास पर सीएम नीतीश कुमार की मौजूदगी में जनता दल यूनाइटेड में शामिल हुए। सीएम नीतीश कुमार ने उन्हें जेडीयू की सदस्यता दिलाई। पूर्व डीजीपी ने कुछ ही दिन पहले वीआरएस लिया है।
इसके बाद सीएम आवास से निकलकर पूर्व डीजीपी ने कहा कि मुझे सीएम नीतीश कुमार जी ने खुद फोन कर बुलाया था। इसके बाद सीएम आवास पर मैं जदयू का हिस्सा हो गया हूं। अब पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी मैं उसे लेने के लिए तैयार हूं। उन्होंने कहा कि मैं राजनीति को ज्यादा नहीं समझता हूं। मैं बेहद समान्य इंसान हूं। मैंने समाज के गरीब व पिछड़े लोगों के लिए पुलिस विभाग में रहकर लंबे समय तक काम किया है।
Former Bihar DGP Gupteshwar Pandey, who recently took VRS, joins JD(U) at Chief Minister Nitish Kumar's residence in Patna. pic.twitter.com/jtVtl6eA1U
— ANI (@ANI) September 27, 2020
बता दें कि शनिवार को गुप्तेश्वर पांडेय सूबे के मुख्यमंत्री व जेडीयू के मुखिया नीतीश कुमार से मिले थे। हालांकि उन्होंने अपनी इस मुलाकात को चुनाव के संबंध में नहीं होना बताया था।
गुप्तेश्वर पांडेय से संवाददाताओं ने सवाल किया था कि क्या वह राजनीतिक पार्टी में शामिल हो रहे हैं, इस पर उन्होंने जवाब दिया था कि मैं यहां सीएम नीतीश कुमार से मिलने आया था और उनका धन्यवाद दिया है क्योंकि उन्होंने मुझे डीजीपी के रूप में अपने कर्तव्यों की सेवा करने की पूरी आजादी दी। मैंने अभी तक चुनाव लड़ने पर कोई निर्णय नहीं लिया है।
इससे पहले गुप्तेश्वर पांडेय घोषणा कर चुके हैं कि अगर मौका मिला तो वह चुनाव लड़ेंगे क्योंकि वह राजनीति को लोगों की सेवा करने का सबसे बड़ा मंच मानते हैं। पांडेय ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले ली थी। पांडेय ने फरवरी 2021 में अपनी सेवानिवृत्ति से पांच महीने पहले मंगलवार को पुलिस सेवा से वीआरएस ले लिया था।
सोशल मीडिया पर "मेरी कहानी मेरी जुबानी" शीर्षक के तहत लोगों के साथ संवाद करते हुए गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा था, 'अगर मौका मिला और इस योग्य समझा गया कि मुझे राजनीति में आना चाहिए तो मैं आ सकता हूं लेकिन वे लोग निर्णय करेंगे जो हमारी मिट्टी के हैं, बिहार की जनता हैं और उसमें पहला हक तो बक्सर के लोगों का है जहां मैं पला-बढ़ा हूं। राजनीति में आने का अब मेरा मन हो गया है। अब स्थिति ऐसी बन गयी है कि मुझे लगता है कि अब इसमें आ जाना चाहिए।