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बिहार में महागठबंधन पर जीतन राम मांझी का 'अल्टीमेटम', कहा- '10 जुलाई तक नहीं बनी बात तो हम सुनाएंगे अपना फैसला'

By विनीत कुमार | Updated: July 8, 2020 10:01 IST

बिहार में विधान सभा के चुनाव होने की संभावना इस साल के आखिर में नवंबर में है। इसे लेकर महागठबंधन में अभी चर्चा जारी है। इस बीच जीतन राम मांझी ने कहा है कि 11 जुलाई को महागठबंधन को लेकर कोई फैसला हो जाएगा।

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ठळक मुद्देबिहार में महागठबंधन पर फैसला 11 जुलाई को हो जाएगा: जीतन राम मांझीजीतन राम मांझी ने कांग्रेस से कहा, 10 जुलाई तक सबकुछ फाइनल नहीं हुआ तो वे अपना फैसला सुना देंगे

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा है कि बिहार चुनाव के लिए महागठबंधन पर फैसला 11 जुलाई को होगा। जीतन राम मांझी ने ये बात मंगलवार को कही। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार मांझी ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व को महागठबंधन की समन्वय समिति की मांगों के बारे में बता दिया गया है।

मांझी ने कहा, 'कांग्रेस ने कहा है कि वे गठबंधन में चीजों को 10 जुलाई तक सुलझा लेंगे। कांग्रेस की बैठक 8 जुलाई को होनी है। इसके बाद 9 जुलाई को मैं भी पटना जा रहा हूं और पार्टी के सदस्यों के साथ चर्चा करूंगा। ये कांग्रेस पर निर्भर करता है, अगर वे बीच का रास्ता निकालने में कामयाब रहते हैं, नहीं तो हम अपना फैसला 11 जुलाई को सुना देंगे।'

बिहार चुनाव में मुख्यमंत्री उम्मीदवार कौन होगा, इस सवाल पर मांझी ने कहा, 'इसका फैसला महागठबंधन के समन्वय समिति के जरिए होगा।' इससे पहले 24 जून को बिहार चुनाव के लिए महागठबंधन की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई थी। बिहार चुनाव इसी साल के आखिर में नवंबर में होने हैं।

महागठबंधन बैठक में कांग्रेस से केसी वेणुगोपाल, अहमद पटेल, मदन मोहन झा शामिल थे। वहीं, आरजेडी से मनोज झा, आरएलएसपी से उपेंद्र कुशवाहा, HAM से जीतन राम मांझी और विकाशसील इंसान पार्टी (VIP) से  मुकेश सहनी ने हिस्सा लिया था।

बिहार में विधान सभा की कुल 243 सीटें हैं और नवंबर में चुनाव की संभावना है। बीजेपी राज्य में जदयू और लोजपा के साथ गठबंधन में है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार की सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही है। एनडीए का राजद, कांग्रेस और वामपंथी दलों के गठबंधन के साथ मुकाबला है। हालांकि, एनडीए में भी सीट बंटवारे को लेकर एलजेपी से कुछ ऐसे बयान आए हैं, जिसके बाद वहां मंथन जारी है।

इससे पहले साल 2015 के चुनाव में नीतीश कुमार महागठबंधन के चेहरा थे। उस समय नीतीश जेडीयू से अलग हो गए थे और आरजेडी से हाथ मिलाया था। हालांकि, साल 2017 में वे एक बार फिर बीजेपी से जुड़ गए।

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