Bihar Election 2020: बिहार में विधानसभा चुनाव, तैयारियों में जुटा आयोग, प्रवासी कामगार का नाम जुड़ेगा, मंथन जारी
By एस पी सिन्हा | Published: June 4, 2020 09:01 PM2020-06-04T21:01:40+5:302020-06-04T21:01:40+5:30
आयोग का दावा है कि अभी भी 4 महीने का समय शेष है, लिहाजा चुनावी तैयारी पूरी हो जाएगी. सुरक्षित चुनाव कराने को लेकर चुनाव आयोग प्रतिबद्ध है. इस दौरान बिहार में आप्रवासियों का नाम मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा. इसको लेकर मंथन शुरू हो गया है.
पटनाः बिहार में अक्टूवर-नवंबर महीने में होने वाले विधानसभा के चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने तैयारी शुरू कर दी है. हालांकि कोरोना संकट की वजह से चुनावी तैयारी पर असर पड़ा है.
लेकिन आयोग का दावा है कि अभी भी 4 महीने का समय शेष है, लिहाजा चुनावी तैयारी पूरी हो जाएगी. सुरक्षित चुनाव कराने को लेकर चुनाव आयोग प्रतिबद्ध है. इस दौरान बिहार में आप्रवासियों का नाम मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा. इसको लेकर मंथन शुरू हो गया है.
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एचआर श्रीनिवासन ने बताया है कि कोरोना के बीच चुनाव आयोग चुनाव की तैयारी में लगा हुआ है. चुनाव कैसे होगा? इस पर चुनाव आयोग का दिशा निर्देश जल्द आएगा.
सभी को सेफ्टी प्रोटोकॉल का पालन करना होगा. उन्होंने बताया कि कोरोना संकट की वजह से चुनावी तैयारी तो प्रभावित हुई है और आगे भी काफी चैलेंजेज हैं. लेकिन हम आश्वस्त हैं कि समय रहते सारी तैयारी पूरी हो जाएगी. उन्होंने बताया कि कोरोना संकट में लाखों प्रवासी मजदूर वापस बिहार आए हैं.
चुनाव आयोग यह समीक्षा करेगा कि क्या वे यहां के वोटर हैं या नहीं? अगर जिनका नाम वोटर लिस्ट में नाम नहीं होगा तो उनका नाम जोडा जाएगा. इसके लिए विशेष अभियान चलेगा. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि हमारी तैयारी लगातार चलते रहती है. हमारी पहले दौर की बातचीत हो चुकी है. कुछ दिन पहले हीं सभी डीएम के साथ बातचीत की गई है और उन्हें कई निर्देश दिए गए हैं.
उन्होंने बताया कि कोरोना के इस संकट में हमारे लिए चैलेंजेज बढे हैं. सूबे में करीब 73 हजार पोलिंग बूथ हैं और करीब 7 करोड 18 लाख वोटर हैं. हर बूथ पर करीब 1 हजार वोटर हैं. ऐसे में वोटिंग के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग कैसे मेंटेन होगा? यह हमारे लिए बडी चुनौती है, क्योंकि कोविड-19 को लेकर जो गाइडलाइन हैं, उसके तहत काम करना होगा.
बिहार के निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो इसके लिए क्या बूथों की संख्या बढाने की जरूरत होगी? इस पर आंतरिक तौर पर मंथन चल रहा है क्योंकि कोविड-19 को लेकर जो गाइडलाइन हैं उसके तहत काम करना होगा. सुरक्षित चुनाव कराने को लेकर चुनाव आयोग ने काम शुरू कर दिया है.