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CM नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव के स्वास्थ्य पर जताई चिंता, लेकिन फोन कर नही जानेंगे हालचाल

By एस पी सिन्हा | Updated: January 24, 2021 15:56 IST

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के स्वास्थ्य को लेकर कहा...

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जाहिर करते हुए उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की है. साथ हीं उन्होंने कहा कि हम तो चाहते हैं कि लालू प्रसाद यादव को जो तकलीफ और परेशानी है उससे जल्द उनको छुटकारा मिल जाए. लालू की तबीयत खराब होने के बाद नीतीश कुमार की आज पहली बार बयान आया है. जदयू कार्यालय में कर्पूरी जयंती समारोह में शामिल होने के बाद वह कार्यालय से निकल रहे थे. उस दौरान ही लालू प्रसाद यादव को लेकर यह बयान दिया और उनकी सेहत को लेकर चिंता जताई.

इस दौरान नीतीश कुमार ने साफ कह दिया कि वे लालू यादव के स्वास्थ्य को लेकर फोन नहीं करेंगे. वे अखबारों से ही उनका हालचाल जान लेंगे. उन्होंने कहा कि 2-3 साल पहले जब लालू प्रसाद यादव के स्वास्थ्य लेकर फोन किया था तो मेरे बारे में न जाने क्या से क्या कहा गया? इसलिए अब फोन नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि महागठबंधन से अलग होने के बाद भी वह लालू प्रसाद यादव का हाल पूछते रहते थे. 2017-2018 में वह खुद उनकी तबीयत खराब होने की जानकारी फोन कर लेते थे. लेकिन उनके परिवार के लोग कई तरह के आरोप लगाने लगे. जिसके बाद वह फोन करना बंद कर दिए. 

इस दौरान नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव और तेजप्रताप का नाम तो नहीं दिया, लेकिन बता दिया की रिश्ते में कडवाहट किस कारण आई. उन्होंने कहा कि अब उनकी तबीयत की जानकारी अखबार से मिल जाती है. वह अखबार पढकर ही लालू प्रसाद यादव की तबीयत की जानकारी लेते रहते हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि हम चाहते है कि लालू प्रसाद यादव की तबीयत जल्द ठीक हो जाए. जो उनको परेशानी उससे उनको जल्द छुटकारा मिल जाए. हम कामना करते हैं कि वे जल्द से जल्द स्वस्थ्य हों. लेकिन अब वो फोन करके स्वास्थ्य का हाल नहीं जानेंगे. एक बार उनके राज्यसभा सांसद मनोज झा और दो बार विधायक भोला यादव से बात हुई थी. लेकिन जब इस संबंध में खबर आई उसके बाद विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने जो बयान दिया वो काफी ओछा था.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ये बातें भी दुहराई और कहा कि जब फोन किये थे तो उनके देखभाल करने वाले व्यक्ति ने क्या कहा था.

वहीं, लालू प्रसाद यादव के बडे बेटे तेजप्रताप यादव ने 3 जुलाई 2018 को पोस्टर दिखाया था. जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए 'नो एंट्री' का पोस्टर भी लिखा हुआ था. तेजप्रताप ने इससे पहले कहा था कि वह अब घर के बाहर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए 'नो एंट्री' का बोर्ड लगा देंगे. अब नीतीश चाचा के महागठबंधन में शामिल होने का प्रश्न ही नहीं है. तेजस्वी यादव ने भी नीतीश के महागठबंधन में फिर से एंट्री की किसी संभावना से इनकार किया था. उसके बाद कभी पलटू राम कहा गया तो कभी धोखा देने का आरोप लालू प्रसाद के दोनों बेटे लगाते रहे हैं. जिसके बाद रिश्ते खराब होते गए.

वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज जदयू प्रदेश कार्यालय में कर्पूरी ठाकुर की जयंती समारोह में शिरकत करने पहुंचे थे. कार्यक्रंम संबोधित करने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में भी बजट पेश होने वाला है. इस पर बहुत कुछ नहीं कहेंगे. लेकिन केंद्र और बिहार के बजट से बिहार का विकास होगा. हर क्षेत्र में काम होगा. वैसे काम तो लगातार हो रहा है और भी तेजी से दूसरे क्षेत्रों में भी काम होगा. इस दौरान कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोशल मीडिया पर बोलना नहीं भूले. उन्होंने एक बार फिर कहा कि सोशल मीडिया पर लोग एंटी सोशल काम अधिक कर रहे हैं. जिससे माहौल खराब हो रहा है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सोशल मीडिया पर सबसे अधिक लोग एंटी सोशल काम कर रहे हैं. गलत बातें लिखी जा रही है. इससे माहौल खराब हो रहा है. कोरोना संकट के बाद भी पढने वाले लडके और लडकियां घर में रहने लगे तो वह भी मोबाइल पर ही दिन भर लगे रहे. ऐसे लोग क्या कुछ जान पाएंगे. इससे पहले बिहार का क्या हाल था? यह उनको कैसे पता चलेगा? लोग शाम को घर से बाहर नहीं निकल पा रहे थे. नीतीश कुमार ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि उनके खिलाफ भी कई लोग सोशल मीडिया पर अनाप शनाप लिखते और बोलते रहते हैं. कुछ लोग तो वीडियो भी डालते हैं, लेकिन इसका मुझे कोई फर्क नहीं पडता है. डालने वाले का जरूरी कुछ भला हो जाता होगा.

यहां उल्लेखनीय है कि बिहार पुलिस के आर्थिक अपराध ईकाई द्वारा मंत्रियों- विधायकों और सांसदों समेत अधिकारियों पर सोशल मीडिया में आपतिजनक पोस्ट किये जाने को लेकर जारी निर्देश को लेकर बवाल मचा है. इस निर्देश के अनुसार अब मंत्रियों-विधायकों-सांसदों और अधिकारियों के खिलाफ सोशल मीडिया में आपतिजनक पोस्ट और उसके ऊपर कमेन्ट करनेवालों के खिलाफ अपराधिक मुकदमा दर्ज किये जाने की बात कही गई थी. विपक्ष ने आर्थिक आपराध ईकाई द्वारा जारी इस पत्र को लेकर सरकार की जमकर घेराबंदी की थी. तेजस्वी यादव ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर लगाम लगाने की कवायद करार दिया था.

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