बिहार सीएम नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जनता को किया संबोधित, गिनाई उपलब्धियां, कहा- सोशल डिस्टेंसिंग का रखें ख्याल
By एस पी सिन्हा | Published: June 3, 2020 05:49 PM2020-06-03T17:49:50+5:302020-06-03T17:49:50+5:30
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग पर हर हाल में हमें ध्यान देना देना होगा. घर से निकलने से पहले मास्क लगाना हर व्यक्ति को जरूरी समझना होगा.
पटना:बिहार में कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य की जनता को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने जनता को कोरोना संक्रमण के दौरान सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों से अवगत कराया. साथ ही आगे की योजनाओं की भी जानकारी दी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग पर हर हाल में हमें ध्यान देना देना होगा. घर से निकलने से पहले मास्क लगाना हर व्यक्ति को जरूरी समझना होगा. इसके अलावा सभी जगहों पर साफ-सफाई पर पूरा ध्यान देने की जरूरत है. मास्क पहनने के लिए लोगों को प्रेरित करना होगा.
मुख्यमंत्री ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के सभी ग्राम पंचायत और नगर निकाय के प्रतिनिधियों से बात की और कोरोना से बचाव को लेकर व्यापक जागरूकता अभियान में सहयोग देने की अपील भी की. उन्होंने बताया कि आगे राज्य के स्कूल-कॉलेजों में पढ़ाई शुरू होगी. साथ ही सरकार बाहर से लौटे सभी लोगों को रोजगार देगी.
नीतीश कुमार ने जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि अब स्कूल-कॉलेज छोड अन्य जगहों पर क्वारंटाइन सेंटर बनाए जाएंगे, ताकि शिक्षा के कार्य में किसी को कोई परेशानी न हो. कोरोना के पॉजिटिव मरीज को आइसोलेशन सेंटर में रखा जाएगा. ऐसे मरीजों की ज्यादा तबीयत खराब होने पर अस्पतालों में भर्ती कराया जाएगा. राज्य के तीन अस्पतालों में गंभीर मरीजों की भर्ती की जाएगी.
अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में कोरोना संक्रमण पर चर्चा के दिनों से ही राज्य सरकार गंभीर नजर है. इसे लेकर 13 मार्च को पहली मीटिंग हुई थी. 16 मार्च को विधानसभा स्थगित कर दिया गया था. फिर जनता कर्फ्यू लगाया गया. आगे 25 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया गया. मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने हर स्तर पर स्थिति की समीक्षा की है. एक-एक चीज को खुद देखा है. क्वारंटाइन सेंटर को खुद देखा तथा वहां लोगों से बात की. सरकार इस महामारी को लेकर गंभीर है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव का यही सबसे बेहतर उपाय है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आइसोलेशन सेंटर में बेड की संख्या 40000 की जानी है. उन्होंने यह भी कहा कि प्रखंड क्वॉरेंटाइन सेंटर में एक व्यक्ति पर 5300 रुपए खर्च किये जा रहे है. उन्होंने कहा है कि बाहर से आने वाले अधिकतर श्रमिक बिहार आ चुके हैं. इनमें कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिनका बिहार के किसी भी बैंक में खाता नहीं है.
इसको लेकर उन्होंने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि बिहार वापस आ चुके ऐसे लोगों का बैंक खाता खुलवाकर उन्हें भी एक-एक हजार की राशि शीघ्र हस्तांतरित की जाय. साथ ही जिन श्रमिकों का आधार कार्ड किसी कारणवश नहीं बन पाया हो, उनका आधार कार्ड भी जल्द बनवाएं. लॉकडाउन मे छूट मिली तो फिजिकल डिस्टेंसिंग भूल रहे लोगों को सचेत करते हुए उन्होंने इसे गलत बताया.
नीतीश कुमार ने कहा कि आपस में छह फीट की दूरी बनाकर रखिए. घर में ही रहिए. बाहर निकलने पर मास्क जरूर लगाइए. फिजिकल डिस्टेंसिंग व लॉकडाउन के प्रावधानों का पालन करिए. उन्होंने लोगों को बीमारी को नहीं छिपाने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि तबीयत बिगडने पर अस्पताल को जरूर सूचना दें.
बुजुर्गों व बच्चों का विशेष ध्यान रखें. मुख्यमंत्री ने बताया कि पहले मास्क की दिक्कत थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है. जीविका के माध्यम से मास्क बनवाया गया है. क्वारंटाइन सेंटर में भी मास्क बनाए जा रहे हैं. उन्होंने कोरोना के खिलाफ जंग में गांव-गांव में लोगों के सहयोग की सराहना की. उन्होंने बताया कि राज्य में पल्स पोलियो अभियान की तरह सबों की जांच कराई जा रही है. इसमें भी जनसहसोग जरूरी है.
मुख्यमंत्री ने बताया कि तीन मई के बाद बाहर से लौटे लोगों में तीन हजार लोग संक्रमित पाए गए हैं. उन्होंने सवाल किया कि एक देश का आदमी देश में दूसरी जगह जाए तो उसे प्रवासी क्यों कहते हैं? ऐसे लौटे लोगों को बिहार में रोजगार देने का काम चल रहा है. बिहार में बाहर से आए सभी लोगों को सरकार रोजगार देगी. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में बाहर से आगे वाले अधिकांश लोग आ चुके हैं, इसलिए अब क्वारंटाइन सेंटर बंद किए जाएंगे.
राज्य में किए गए राहत के उपायों की चर्चा करते हुए कहा कि सरकार ने बाहर फंसे लोगों को मुख्यमंत्री राहत कोष से एक-एक हजार रुपये दिए. राज्य में 1.62 करोड़ लोगों को राशन दिया गया. 3261 करोड की राशि लोगों को उनके खातों में दी गई. 85 लाख पेंशनधारियों को मदद दी गई. बाहर से आने वाले हर व्यक्ति को पांच सौ रुपये खर्च के लिए दिए. इतना ही नहीं, कोरोना उन्मूलन कोष का गठन भी किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने आपदा प्रभावित लोगों की हमेशा मदद की है. कोरोना की महामारी भी आपदा है. जो भी आपदा प्रभावित हैं, सरकार के खजाने पर पहला अधिकार उनका है. पूरे राज्य में 500 से अधिक आपदा राहत केंद्र चले. राज्य में संक्रमण की स्थिति की जानकारी देते हुए उन्होंने जन-जागरूकता पर बल दिया. बताया कि पोस्टरों व संचार माध्यमों के जरिए लोगों को जागरूक किजा जाता रहेगा. स्थानीय स्तर पर जनप्रतिनिधि भी लोगों को जागरूक करेंगे. इसमें उनकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है.