बिहार विधानसभा चुनावः असमंजस में दल, आयोग लेगा फ़ैसला, तेजस्वी यादव बोले- क्या शवों पर चुनाव चाहते हैं सीएम नीतीश
By शीलेष शर्मा | Published: July 9, 2020 07:32 PM2020-07-09T19:32:06+5:302020-07-09T19:32:06+5:30
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल किया कि क्या वह शवों पर चुनाव चाहते हैं। हालाँकि यह फैसला चुनाव आयोग को करना है कि वह कब चुनाव कराना चाहता है। आरजेडी सांसद मनोज झा का भी तर्क यही था कि बिहार के जो हालात हैं उसमें चुनाव आयोग भी सोचने पर मज़बूर होगा कि इन हालातों में चुनाव कैसे कराये जायें।
नई दिल्लीः बिहार विधान सभा चुनावों को लेकर अभी संशय बना हुआ है कि चुनाव आयोग सही समय पर राज्य में चुनाव करायेगा। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने साफ़ किया कि कोरोना के कारण राज्य में जो हालात हैं उसमें राजद चुनाव कराने के पक्ष में नहीं है।
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल किया कि क्या वह शवों पर चुनाव चाहते हैं। हालाँकि यह फैसला चुनाव आयोग को करना है कि वह कब चुनाव कराना चाहता है। आरजेडी सांसद मनोज झा का भी तर्क यही था कि बिहार के जो हालात हैं उसमें चुनाव आयोग भी सोचने पर मज़बूर होगा कि इन हालातों में चुनाव कैसे कराये जायें।
लेकिन पूर्व गृह राज्य मंत्री शकील अहमद एक खुलासा किया कि नीतीश कुमार और भाजपा स्वयं नहीं चाहते कि चुनाव हो, इसका बड़ा कारण कोरोना और लॉकडउन के कारण बिहार में मोदी और नीतीश की छवि को गहरा धक्का लगा है।
राज्य का माहौल जेडीयू -भाजपा गठबंधन के पक्ष में नहीं है
साथ ही राज्य का माहौल जेडीयू -भाजपा गठबंधन के पक्ष में नहीं है, इनकी कोशिश होगी कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो जाये। उल्लेखनीय है कि 243 सदस्यों वाली बिहार विधान सभा के चुनाव अक्टूबर -नवम्बर में होने हैं। चुनावों को लेकर भले ही असमंजस हो परंतु राजनीतिक दलों के बीच नये समीकरण बैठाने का सिलसिला ज़ारी है।
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी का महागठबंधन से मोहभंग होता दिख रहा है ,सूत्र बताते हैं कि वह जेडीयू के साथ नज़दीकियां बढ़ा रहे हैं। 11 जुलाई को मांझी इस बाबत अपना फ़ैसला सुना सकते हैं।
भाजपा -जेडीयू गठबंधन से नाराज़ चल रहे चिराग पासवान भी तोल -मोल कर रहे हैं
उधर भाजपा -जेडीयू गठबंधन से नाराज़ चल रहे चिराग पासवान भी तोल -मोल कर रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस और आरजेडी के नेता चिराग पासवान के संपर्क में हैं लेकिन दोनों दल खुल कर टिप्पणी करने से बच रहे हैं।
जाति आधारित चुनावों के कारण महागठबंधन अभी से जातीय समीकरण बैठाने में जुट गया है। कांग्रेस की कोशिश है कि महागठबंधन से कोई दल बाहर न जाये इसी कारण कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने मांझी की उस मांग को स्वीकार कर लिया जिसके तहत समन्वय समिति का गठन होना है।
कांग्रेस वाम दलों को भी महागठबंधन में जोड़ने की कोशिश कर रही है, ताकि महागठबंधन को और फ़ैलाया जा सके। प्रदेश के 7 फ़ीसदी कुशवाह मतों पर पकड़ रखने वाले उपेंद्र कुशवाह को गठबंधन से जोड़े रखने के लिये पसंदीदा सीटों को देने का आश्वासन दे दिया गया है।