नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को बिहार में एक एलपीजी पाइपलाइन परियोजना और बॉटलिंग संयंत्रों का उद्घाटन करेंगे। बिहार में जल्द विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में सरकार राज्य के लिए विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ा रही है।
शनिवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इन परियोजनाओं में पारादीप-हल्दिया-दुर्गापुर पाइपलाइन परियोजना का दुर्गापुर-बांका खंड और दो एलपीजी बॉटलिंग संयंत्र शामिल हैं। इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद रहेंगे।
सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) द्वारा निर्मित 193 किलोमीटर की दुर्गापुर-बांका पाइपलाइन खंड पारादीप-हल्दिया-दुर्गापुर पाइपलाइन विस्तार परियोजना का हिस्सा है। प्रधानमंत्री ने 17 फरवरी, 2019 को इसका शिलान्यास किया था। दुर्गापुर-बांका खंड मौजूदा 679 किलोमीटर की पारादीप-हल्दिया-दुर्गापुर एलपीजी पाइपलाइन का बांका में नई एलपीजी बॉटलिंग संयंत्र तक विस्तार है।
14 इंच व्यास वाली यह पाइपलाइन पश्चिम बंगाल, झारखंड तथा बिहार से गुजरती है
14 इंच व्यास वाली यह पाइपलाइन पश्चिम बंगाल, झारखंड तथा बिहार से गुजरती है। अभी इस लाइन में एलपीजी को आईओसी की पारादीप और हल्दिया रिफाइनरी की पाइपलाइन में डाला जाता है। इस पूरी परियोजना के पूर्ण होने के बाद यह सुविधा पारादीप आयात टर्मिनल तथा बरौनी रिफाइनरी से भी उपलब्ध होगी।
आईओसी के बांका के एलपीजी बॉटलिंग संयंत्र से बिहार की रसोई गैस की मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी। इस बॉटलिंग संयंत्र का निर्माण 131.75 करोड़ रुपये के निवेश से किया गया है। यह संयंत्र बिहार के भागलपुर, बांका, जमुई, अररिया, किशनगंज और कटिहार जिलों के अलावा झारखंड के गोड्डा, देवघर, दुमका, साहिबगंज तथा पाकुड़ जिलों की जरूरतों को भी पूरा करेगा।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस संयंत्र की एलपीजी भंडारण क्षमता 1,800 टन और बॉटलिंग क्षमता 40,000 सिलेंडर प्रतिदिन की होगी। इससे बिहार में रोजगार के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष अवसर भी उपलब्ध होंगे। हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन के पूर्वी चंपारण जिले के हरसिद्धि में 1,20,000 टन सालाना क्षमता के एलपीजी बॉटलिंग संयंत्र का निर्माण 136.4 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है।
प्रधानमंत्री ने इसका शिलान्यास 10 अप्रैल, 2018 को किया था। यह बॉटलिंग कारखाना पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, सिवान, गोपालगंज और सीतामढ़ी जिलों की एलपीजी की जरूरत को पूरा करेगा।