पटनाः बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर अब पूरी तरह सियासी दरबार सज गया है. इस साल के शुरुआत से ही बिहार में जो पोस्टर वार शुरू हुआ था उसने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ ली है.
महागठबंधन से मोह भंग होने के बाद एनडीए में शामिल हुए मांझी अपनी भूमिका बखूबी निभाने लगे हैं. वह लगातार चिराग पासवान के खिलाफ बयानों के तीर चला रहे हैं. लेकिन अब जदयू ने भी लोजपा की हैसियत बतानी शुरू कर दी है. दरअसल, मांझी को इस बात का पहले से पता था कि एनडीए में शामिल होने के बाद उनकी भूमिका क्या होगी.
इसलिए मांझी नीतीश कुमार की ढाल बनकर खडे़ हो गए हैं. मांझी लगातार अब तेजस्वी यादव और चिराग पासवान पर हमला बोल रहे हैं. मांझी की पार्टी हम ने आज तेजस्वी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए पटना की सड़कों पर पोस्टरबाजी की है. जिसमें तेजस्वी यादव के ऊपर निशाना साधते हुए लिखा गया है कि सरकारी नौकरी है दलितों का अधिकार मत विरोध करो जंगल राज के युवराज.
खास बात यह है कि इसमें एनडीए के सभी दलों के नेता पोस्टर पर चिपकाए गए, मगर लोजपा के किसी भी नेता का चेहरा इस पोस्टर पर दिखाई नहीं देता है. इस पोस्टर के जरिेय मांझी की पार्टी ने चिराग पासावान को आउट कर दिया है.
पहले भी मांझी की पार्टी ने जो पोस्टरबाजी की थी, उससे लोजपा को पोर्टी के पोस्टर में जगह नहीं दी गई थी. मांझी लगातार चिराग और पासवान पर अटैक कर रहे हैं. ऐसे में अब यह देखना है कि मांझी को लेकर कौन पहले मोर्चा खोलता है?