Bihar Assembly election 2020: मांझी, कुशवाहा और सहनी ने RJD पर दबाव बढ़ाया, कांग्रेस ने खुद को कहा-बिग बॉस, नेतृत्व पर रार जारी
By एस पी सिन्हा | Published: June 6, 2020 03:49 PM2020-06-06T15:49:03+5:302020-06-06T15:49:03+5:30
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने विधानसभा चुनाव में पिछली बार से अधिक सीटों का दावा किया है तो कांग्रेस नेता सदानंद सिंह ने कांग्रेस के नेतृत्व में चुनाव में जाने की मांग रखी है.
पटनाः बिहार में विधानसभा चुनाव की आहट को देख महागठबंधन में सीट-शेयरिंग और नेतृत्व को लेकर खींचतान शुरू हो गई है. ऐसे में चुनाव के नजदीक आने के साथ बिहार में विपक्षी महागठबंधन का सीट-शेयरिंग व नेतृत्व को लेकर अंतर्कलह गहराता दिख रहा है.
बीते कुछ दिनों से जारी गतिविधियां इस ओर इशारा कर रही हैं. कांग्रेस ने अधिक सीटों के साथ चुनाव के नेतृत्व का दावा करते हुए खुद को बिग बॉस बताया है तो जीतनराम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा व मुकेश सहनी की तिकड़ी ने भी राजद पर दबाव बढ़ा दिया है.
ऐसे में अब यह माना जा रहा है कि इस तिकड़ी को कांग्रेस का समर्थन है. हालांकि, राजद किसी समझौते के मूड में नहीं दिख रहा है. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने विधानसभा चुनाव में पिछली बार से अधिक सीटों का दावा किया है तो कांग्रेस नेता सदानंद सिंह ने कांग्रेस के नेतृत्व में चुनाव में जाने की मांग रखी है.
इस पर राजद ने कहा है कि कांग्रेस को अपनी औकात भी देखनी चाहिए. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार के आवास पर आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बैठक हुई. बैठक में निखिल कुमार के अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा, सदानंद सिंह, अखिलेश सिंह, तारिक अनवर व धीरज कुमार सहित अनेक वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर मंथन किया.
बैठक के बाद कांग्रेस सांसद अखिलेश सिंह ने कहा कि पिछली बार उनके साथ जदयू गठबंधन में 102 सीटों पर चुनाव लड़ा था. लेकिन इस बार वह गठबंधन से बाहर है. ऐसे में उसके खाते वाली 102 सीटों का महागठबंधन के घटक दलों के बीच बंटवारा होना चाहिए, जिनमें सबसे अधिक हिस्सा कांग्रेस को मिलना चाहिए. वहीं, कांग्रेस के इस मांग पर राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि कांग्रेस को अपनी औकात (जमीनी हकीकत) भी देखनी चाहिए. इसके साथ ही राजद ने कहा कि सीट शेयरिंग को लेकर बात कांग्रेस के आलाकमान से होगी.
इस बीच, शुक्रवार की रात महागठबंधन के तीन छोटे घटक दलों राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) सुप्रीमो जीतनराम मांझी तथा विकासशील इन्सान पार्टी (वीआईपी) के मुखिया मुकेश सहनी एक साथ जुटे.
सीट शेयरिंग व महागठबंधन के नेतृत्व के मुद्दों पर कांग्रेस के राजद विरोधी बयान के ठीक बाद हुई तीनों की इस गुप्त बैठक के राजनीतिक निहितार्थ तलाशें जा रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि बैठक में विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन में सीटों के बंटवारे व नेतृत्व पर भी चर्चा हुई.
मांझी पहले से ही महागठबंधन में समन्वय समिति की मांग करते रहे हैं. वे कहते रहे हैं कि यही समन्वय समिति महागठबंधन के नेतृत्व के साथ तमाम बडे फैसले करे. ऐसे में स्पष्ट है कि महागठबंधन के घटक दल विधानसभा चुनाव के पहले सिर-फुटौव्वल की भूमिका बनाने लगे हैं. मुद्दे वही पुराने सीटों के बंटवारे, महागठबंधन के नेतृत्व व मुख्यमंत्री चेहरा का है. लेकिन बिहार में महागठबंधन का सबसे बडा दल राजद समझौते के मूड में नहीं है.