नई दिल्लीः 243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा के चुनाव ज्यों-ज्यों नज़दीक आ रहे हैं, राज्य में राजनीतिक गतिविधियाँ और चुनावी ज़ोर तोड़ तेज़ होता।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा के साथ-साथ चुनाव लड़ने के संकेत साफ़ हो जाने के बाद आरजेडी अभी तक अपने महागठबंधन को जोड़ नहीं पायी है। जीतन राम मांझी के महागठबंधन को छोड़ देने के बाद के बाद अभी भी यह साफ़ नहीं है कि कांग्रेस, आरजेडी और वाम दल मिलकर लड़ेंगे।
आरजेडी के सांसद मनोज झा इन खबरों को लेकर काफी निराश हैं, उनका कहना था कि गठबंधन क्या शक्ल लेगा यह अभी साफ़ नहीं है, क्योंकि कांग्रेस की तरफ से अभी तक कोई चर्चा शुरू नहीं की गयी है। इसके पलट कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल इन खबरों को निराधार बताते हैं कि आरजेडी और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर कोई तकरार है।
उन्होंने साफ़ कहा कि कांग्रेस अपनी ज़मीन का आंकलन कर रही है उसके बाद ही सीटों के बँटवारे को लेकर कोई चर्चा आरजेडी से होगी। नीतीश कुमार के साथ नज़दीकियों को लेकर गोहिल ने साफ़ किया कि वह एक शिष्टाचार मुलाक़ात थी, उसका चुनावों से कोई सरोकार नहीं है।
ग़ौरतलब है कि आरजेडी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है, पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद तेजस्वी यादव से खासे नाराज़ हैं, क्योंकि उन्होंने उनके विरोधी को उन्ही के इलाके में तरजीह दे कर उनके कद को छोटा करने का काम किया है। नतीजा वे पार्टी छोड़ने को लेकर गंभीर हैं लेकिन अभी यह तय नहीं कर पाए हैं कि वे जे डी यू का दामन थामे अथवा कांग्रेस के साथ जुड़ें।