लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (BSP) अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों के हालात को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकारों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के बीच बेहद परेशान हैं।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें जिस तरह से मजदूरों के साथ पेश आ रही हैं, वो तरीका गलत है। सरकारें न ही उनके लिए भोजन की व्यवस्था कर पा रही हैं और न ही उनके लिए रहने की व्यवस्था की जा रही है।
पहले भी केंद्र व राज्य सरकारों पर निशाना साध चुकी हैं बसपा मुखिया
ये पहला मौका नहीं है जब मायावती ने इस तरह से प्रवासी मजदूरों को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों पर हमला बोला हो। हाल ही, बसपा अध्यक्ष ने ट्वीट कर कहा था कि यह अति दुर्भाग्यपूर्ण है कि केन्द्र और राज्य सरकारें प्रवासी मजदूरों को ट्रेनों और बसों आदि से भेजने के लिए उनसे किराया भी वसूल रही हैं। सभी सरकारें यह स्पष्ट करें कि वे उन्हें भेजने के लिए किराया नहीं दे पाएंगी। यह बसपा की मांग है।
उन्होंने ये भी कहा था कि ऐसी स्थिति में बसपा का यह भी कहना है कि यदि सरकारें प्रवासी मजदूरों का किराया देने में आनाकानी करती हैं तो फिर वह अपने सामर्थ्यवान लोगों से मदद लेकर उनको भेजने की व्यवस्था करने में अपना थोड़ा योगदान जरूर करेंगी। बता दें कि बसपा मुखिया मायावती ने आईएएस अफसर रानी नागर के इस्तीफे को लेकर भी एक ट्वीट किया था।
रानी नागर को लेकर भी किया था ट्वीट
उन्होंने अपने ट्वीट में रानी नागर के इस्तीफे को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया था। इसके साथ ही उन्होंने लिखा था कि हरियाणा की महिला आईएएस अफसर रानी नागर को, 'नौकरी के दौरान अपनी जान को खतरा' के कारण अन्ततः अपनी नौकरी से ही इस्तीफा देकर वापस अपने घर यूपी लौट आना पड़ा है, जो अति-दुःखद व अति-दुर्भाग्यपूर्ण। महिला सुरक्षा व सम्मान के मामले में ऐसी सरकारी उदासीनता व अन्यों की चुप्पी क्यों?
ऐसी है देश की स्थिति
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच देश में लॉकडाउन की अवधि को 17 मई तक के लिए बढ़ाया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार सुबह जारी आंकड़े के अनुसार, देश में अभी 37,916 कोरोना पॉजिटिव मरीज हैं। वहीं, कोरोना की वजह से कुल 1,886 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 16,539 मरीज ठीक या डिस्चार्ज हुए हैं।