पीएम नरेन्द्र मोदी के मस्जिद जाने पर आपत्ति नहीं, फिर प्रियंका गांधी के श्रीराम का नाम लेने पर सवाल क्यों?
By प्रदीप द्विवेदी | Published: August 7, 2020 02:15 PM2020-08-07T14:15:07+5:302020-08-07T14:15:07+5:30
मोदी टीम के कई नेताओं ने उन पर टिप्पणियां की, तो सोशल मीडिया पर भी उन पर निशाना साधा गया, मानो उन्हें श्रीराम का नाम लेने का अधिकार ही नहीं है? इससे पहले एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के हनुमान चालीसा के पाठ करने पर भी कईं नेता बेचैन हो गए थे, क्यों?
जयपुरः अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर श्रीराम मंदिर के निर्माण की शुरुआत के अवसर पर प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया कि- सरलता, साहस, संयम, त्याग, वचनवद्धता, दीनबंधु राम नाम का सार है.
राम सबमें हैं, राम सबके साथ हैं. भगवान राम और माता सीता के संदेश और उनकी कृपा के साथ रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने, जय सियाराम!
इसके बाद तो मोदी टीम के कई नेताओं ने उन पर टिप्पणियां की, तो सोशल मीडिया पर भी उन पर निशाना साधा गया, मानो उन्हें श्रीराम का नाम लेने का अधिकार ही नहीं है? इससे पहले एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के हनुमान चालीसा के पाठ करने पर भी कईं नेता बेचैन हो गए थे, क्यों?
यूपी विधानसभा चुनाव में भी गुजरात विधानसभा जैसा सियासी झटका लग सकता है
कमाल की बात यह है कि पीएम नरेन्द्र मोदी के मस्जिद-मजार जाने पर किसी को आपत्ति नहीं है, लेकिन प्रियंका गांधी श्रीराम का नाम ले तो सियासी बेचैनी बढ़ जाती है! दरअसल, पीएम मोदी टीम की बड़ी परेशानी धर्म के राजनीतिक लाभ को लेकर है. यदि कांग्रेस ने साफ्ट हिन्दूत्व अपना लिया, तो यूपी विधानसभा चुनाव में भी गुजरात विधानसभा जैसा सियासी झटका लग सकता है.
इसी साफ्ट हिन्दूत्व के दम पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सत्ता के सपने ढेर कर दिए थे. ऐसा नहीं है कि मोदी टीम केवल कांग्रेस पर सियासी हमले कर रही है, बीजेपी के भी कई प्रमुख नेताओं को राजनीति की मुख्यधारा से दूर किया जा चुका है.
स्वामी ने अपने एक बयान में कहा था कि राम मंदिर निर्माण निर्माण में पीएम मोदी का तो कोई योगदान नहीं है
यही वजह है कि जहां बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने एक बयान में कहा था कि राम मंदिर निर्माण निर्माण में पीएम मोदी का तो कोई योगदान नहीं है, जिन लोगों ने काम किया उनमें राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव और अशोक सिंहल के नाम शामिल हैं.
वहीं, श्रीराम मंदिर आंदोलन की प्रमुख नेता रही और पूर्व केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने श्रीराम मंदिर भूमि पूजन के अवसर पर कहा- राम, अयोध्या या भारतीय जनता पार्टी की बपौती नहीं हैं. राम सबके हैं, पूरे विश्व के हैं, जो राम को मानते हों, वे चाहे किसी भी धर्म के, किसी भी संप्रदाय के या विश्व के किसी भी देश के या किसी भी पार्टी के हों.
राम उन सबके हैं जो राम को मानते हैं, उनमें आस्था रखते हैं. हम यदि राम के ऊपर अपना पेटेंट या एकाधिकार जमाना चाहते हैं, तो यह हमारा अहंकार है, हमारी भूल है. राम अविनाशी हैं, राम का अंत नहीं, हमारा अंत है! उल्लेखनीय है कि नरेन्द्र मोदी तो प्रधानमंत्री बनने के बाद देश-विदेश की अनेक मस्जिदों में भी गए हैं, मजार के लिए चादरें भी भेजी हैं और फूल भी चढ़ाए हैं!