नई दिल्ली: देश के गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को एएनआई को दिए अपने साक्षात्कार में कहा कि भारत इस समय कोरोना संक्रमण व चीन दोनों से लड़ रहा है और हम दोनों से जीतेंगे। शाह के इस बयान पर तंज कसते हुए AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर सवाल पूछा कि सर अमित शाह यह बताने की कृपा करें कि क्या गलवान घाटी से चीन की सेना को निकालने के लिए युद्ध की घोषणा की गई है?
इसके साथ ही ओवैसी ने कहा कि लद्दाख के हॉट स्प्रिंग इलाके व पैंकांग शो में क्या हालात हैं। इसके साथ ही ओवैसी ने पीएम नरेंद्र मोदी के मन की बात के बारे में कहा कि प्रधानमंत्री जी ने अपने मन की बात में एक बार भी चीन या चीनी सेना का नाम नहीं लिया है। ऐसे में क्या सरकार लद्दाख में चीन के अतिक्रमण पर कुछ बोलेगी भी।
इससे पहले चीन मामले में सर्वदलीय बैठक में नहीं बुलाने से नाराज असदुद्दीन ओवैसी ने ये कहा था-
बता दें कि इससे पहले केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बृहस्पतिवार को दावा किया था कि पिछले छह साल में चीन के साथ प्रधानमंत्री स्तर की बातचीत के बावजूद चीन ने गलवान घाटी में भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। ओवैसी ने ट्वीट किया था कि पिछले छह साल में प्रधानमंत्री ने अपने चीनी समकक्ष के साथ 18 बार बातचीत की।
उन्होंने सवाल किया था कि इस वार्ता का क्या परिणाम निकला ? चीन गलवान घाटी में भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर रहा है। देश के 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए। अब केवल यही पलटवार हो सकता है कि अपना क्षेत्र वापस लें। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मियों की शहादत के मद्देनजर ओवैसी का यह बयान आया था।
अमित शाह ने आज प्रेस कांफ्रेंस में चीन के मामले में क्या कहा-
अमित शाह ने इस दौरान आज (रविवार) कहा कि देश इस समय कोरोना संक्रमण और चीन दोनों से लड़ रहा है और हमें विश्वास है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम दोनों को हराएंगे। इसके बाद उन्होंने दिल्ली में कोरोना को लेकर ही साक्षात्कार के दौरान बात करने की बात की। लेकिन, साक्षात्कार के दौरान चीन पर राहुल गांधी के बयान के लेकर जब सवाल किया गया तो गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी की ओर से किए गए "Surender Modi" वाले ट्वीट को लेकर उन पर निशाना साधा।
शाह ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि राहुल गांधी के हैशटैग को चीन और पाकिस्तान ने बढ़ावा दिया है। कांग्रेस नेता को ओच्छी राजनीति करना बंद कर देना चाहिए। शाह ने कहा कि पार्लियामेंट होनी है, चर्चा करनी है तो आइये, करेंगे। 1962 से आज तक दो-दो हाथ हो जाएं।