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कांग्रेस की बैठक में बोले राहुल गांधी, पीएम मोदी से नहीं डरता हूं, गृह मंत्री अमित शाह ने दिया जवाब

By पल्लवी कुमारी | Updated: June 25, 2020 12:19 IST

स्वतंत्र भारत में लगाए गए आपातकाल के आज 45 साल हो गए हैं। इस बात को लेकर बीजेपी के आज सारे बड़े नेताओं ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि आज भी देश में लोकतंत्र है लेकिन कांग्रेस में लोकतंत्र नहीं है।

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ठळक मुद्देअमित शाह का आरोप है कि कांग्रेस वर्किंग कमिटी बैठक में पार्टी ने अन्य नेताओं की बातों को नजरअंदाज कर दिया है। अमित शाह ने यह ट्वीट कर कहा कि पार्टी प्रवक्ता को बिना सोचे-समझे कांग्रेस ने बर्खास्त कर दिया है। कुछ दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रवक्ता संजय झा को एक लेख के कारण प्रवक्ता पद से हटा दिया था।

नई दिल्ली: कांग्रेस वर्किंग कमिटी की मंगलवार (23 जून) को हुई बैठक में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नहीं डरते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि वह पीएम मोदी की लगातार आलोचना करते रहेंगे। राहुल गांधी ने यह जवाब कांग्रेस वर्किंग कमिटी में उठे उन सवालों पर दिया था, जब कांग्रेस के कुछ नेताओं ने कहा था कि भारत-चीन के मुद्दे पर हमें निजी व्यक्तिगत आलोचना नहीं करनी चाहिए। गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी के इस बयान पर आज (25 जून) अपनी पतिक्रिया दी है। 

अमित शाह ने 25 जून की सुबह ट्वीट करते हुए लिखा, ''हाल ही के कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में कुछ नेताओं ने अलग मुद्दे उठाए तो लोग चिल्ला पड़े। एक पार्टी प्रवक्ता को बिना सोचे-समझे बर्खास्त कर दिया गया। यह एख दुखद सच है कि कांग्रेस पार्टी में नेता निराश हैं।'' इस ट्वीट के साथ अमित शाह ने अंग्रेजी वेबसाइट इकोनॉमिक्स टाइम्स की वह रिपोर्ट भी साझा की है, जिसमें कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लेकर प्रतिक्रिया दी थी।  

अंग्रेजी वबेसाइट ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा है, राहुल गांधी ने CWC की बैठक में कहा था, 'मैं पीएम नरेंद्र मोदी ने नहीं डरता हूं। वह मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं। मैं उनकी आलोचना जारी रखूंगा। अगर किसी को इसमें दिक्कत है तो CWC मुझे चुप रहने के लिए कह सकती है।' राहुल गांधी के इस बयान के बाद पार्टी के कुछ नेता नाराज हुए थे। 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (किसी रैली के मंच की पुरानी तस्वीर)

आपातकाल को लेकर भी अमित शाह ने कांग्रेस पर साधा निशाना 

अमित शाह ने आपातकाल के 45 साल पूरे होने पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया। अमित शाह ने लिखा, 'कांग्रेस को एक विपक्षी पार्टी होने के नाते अपने आप से सवाल पूछना चाहिए। आखिर क्यों आपातकाल वाली मानसिकता आज भी उनके अंदर है? जो नेता एक वंश से नहीं आते वे कुछ भी बोलने में असमर्थ क्यों हैं? कांग्रेस में रहकर नेता क्यों निराश हो रहे हैं।'

एक अन्य ट्वीट में अमित शाह ने लिखा, 45 साल पहले सत्ता की खातिर एक परिवार के लालच की वजह से आपातकाल लागू कर दिया। रातों रात देश को जेल में बदल दिया गया गया। प्रेस, अदालतें, भाषण.. सब रोक दिए गए। गरीबों और दलितों पर अत्याचार किए गए।'

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा- आपातकाल देश का काला अध्याय 

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और इसे उसकी अधिनयाकवादी मानसिकता का परिचायक करार दिया। नड्डा ने एक ट्वीट में कहा, 'भारत उन सभी महानुभावों को नमन करता है, जिन्होंने भीषण यातनाएं सहने के बाद भी आपातकाल का जमकर विरोध किया। ये हमारे सत्याग्रहियों का तप ही था जिससे भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों ने एक अधनियाकवादी मानसिकता पर सफलतापूर्वक जीत प्राप्त की।'

जेपी नड्डा ने ट्वीटर पर 'आपातकाल का काला अध्याय' शीर्षक से एक पोस्ट भी साझा की। इसमें उन्होंने कहा "वर्ष 1975 में आज ही के दिन निहित राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए तत्कालीन सरकार द्वारा आपातकाल की घोषणा कर सरकार के खिलाफ बोलने वालों को जेल में डाल दिया गया था, देशवासियों के मूलभूत अधिकार छीनकर अखबारों के दफ्तरों पर ताले लगा दिए गए थे।'

भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (फाइल फोटो)

जेपी नड्डा ने कहा, ‘‘कांग्रेस द्वारा थोपे गए शर्मनाक आपातकाल की बरसी पर मैं उन सभी राष्ट्रभक्तों को नमन करता हूं जिन्होंने घोर अन्याय व यातनाएं सहने के बावजूद लोकतंत्र की हत्या करने वालों के सामने घुटने नहीं टेके।

आज ही के दिन भारत में लगाई गई थी इमरजेंसी

इतिहास में 25 जून का दिन भारत के लिहाज से एक महत्वपूर्ण घटना का गवाह रहा है। आज ही के दिन 1975 में देश में आपातकाल लगाने की घोषणा की गई जिसने कई ऐतिहासिक घटनाओं को जन्म दिया। 26 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक की 21 महीने की अवधि में भारत में आपातकाल था। तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार की सिफारिश पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के अधीन देश में आपातकाल की घोषणा की थी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद काल था। आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गए थे। अखबारों और रेडियो को बंद कर दिया गया था। 

टॅग्स :अमित शाहनरेंद्र मोदीराहुल गांधी
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