नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के कानपुर में अपराधी विकास दुबे ने गुरुवार देर रात यूपी पुलिस पर ताबड़तोड़ गोलीबारी कर 8 जवानों की हत्या कर दी। इस मामले में डीएसपी रैंक के एक अधिकारी व दो सब इंस्पेक्टर की भी हत्या कर दी गई।
अब कानपुर शूटआउट के इस मामले में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला किया है। इस मामले में सांसद ओवैसी ने कहा कि योगी सरकार की ठोक देंगे पॉलिसी इस घटना के लिए जिम्मेदार है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पूरी जिम्मेदारी सीएम योगी आदित्यनाथ की है। उन्होंने 'ठोक देंगे' पॉलिसी के नाम पर लोगों की हत्या शुरू की थी। उन्होंने यह भी कहा कि योगी आदित्यनाथ को अपनी 'ठोक देंगे' पॉलिसी को बदलनी चाहिए। हम बंदूक के बल पर हम देश या राज्य की सत्ता को नहीं चला सकते हैं। आपको देश को संविधान और कानून के बल पर चलाना होगा।
इसके साथ ही ओवैसी ने कहा कि योगी सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस अपराधी को इन बहादुर पुलिस अधिकारियों की हत्या के लिए दोषी ठहराया जाएगा और सबसे कड़ी सजा दी जाएगी। तब जाकर लोकतंत्र की जीत होगी।
क्या है पूरा मामला-
बता दें कि यूपी में 60 से अधिक मामले में अभियुक्त विकास दुबे व पुलिस के बीच कानपुर में मुठभेड़ दो जुलाई की रात तकरीबन एक से डेढ़ बजे के बीच हुआ। पुलिस की टीम हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए उसके घर बिकरू गांव गई थी। जैसे ही पुलिस की एक टीम के घर के पास पहुंची, उसी दौरान छत से पुलिस पर र अंधाधुंध गोलीबारी की गई। जिसमें प्रदेश पुलिस (UP Police) के आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए।
शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों में बिल्हौर के क्षेत्राधिकारी डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा (54), थानाध्यक्ष शिवराजपुर महेश कुमार यादव (42), सब इंस्पेक्टर अनूप कुमार सिंह (32), सब इंस्पेक्टर नेबू लाल (48), कांस्टेबिल जितेंद्र पाल (26), सुल्तान सिंह (35), बबलू कुमार (23) और राहुल कुमार (24) शामिल हैं।
विकास दुबे के दोस्त ने बताया कि पुलिस ने दी अपराधी को सारी जानकारी-
कानपुर मुठभेड़ (kanpur Encounter) में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के साथ पुलिस पर फायरिंग करने वाले आरोपियों में से एक दयाशंकर अग्निहोत्री की गिरफ्तारी हुई है। दयाशंकर अग्निहोत्री ने गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में पुलिस के सामने कई खुलासे किए हैं।
दयाशंकर अग्निहोत्री ने पुलिस को बताया कि विकास दुबे को पुलिस स्टेशन से फोन आया था, जिसके बाद उसने अपने घर में 25-30 लोगों को बुलाया गया था। दयाशंकर ने बताया विकास दुबे किसी के फोन आने के बाद काफी अलर्ट हो गया था। जिसके बाद उसने फोन कर फौरन अपने घर में 25-30 लोगों को बुला लिया।
उसने यह भी बताया कि जेसीबी से रास्त रोकने का प्लान भी विकास दुबे का था। 2 और 3 जुलाई की रात हुई कानपुर में मुठभेड़ में पुलिस के आठ जवान शहीद हो गए हैं।
दयाशंकर अग्निहोत्री ने कहा, विकास दुबे को पुलिस स्टेशन से एक फोन आया था। जिसके बाद उसने लगभग 25-30 लोगों को बुलाया। उसने पुलिस कर्मियों पर गोलियां चलाईं। मुठभेड़ के समय मैं घर के अंदर बंद था, इसलिए मैंने कुछ भी नहीं देखा।