नई दिल्ली, 13 सितंबर: भारतीय जनता पार्टी के गंभीर आरोप के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रेस कांफ्रेस किया है। प्रेस कांफ्रेस में राहुल जेटली-माल्या विवाद पर बात करते हुए सरकार और वित्त मंत्री को सवालों के कटघरे में खड़ा किया है। साथ ही अरुण जेटली से इस्तीफे की मांग की है। राहुल के साथ इस प्रेस कांफ्रेंस में प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और कांग्रेस नेता पीएल पुनिया मौजूद थे।
प्रेस कांफ्रेंस में राहुल गांधी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली पर गंभीर आरोप लगाते हुए सवाल पूछा है। उन्होंने कहा- 'पहला सवाल ये है कि वित्त मंत्री भगोड़ों से बात करते हैं। भगोड़ा, वित्त मंत्री से कहता है कि मैं अब लंदन जाने वाला हूं। लेकिन वित्त मंत्री ने सीबीआई, ईडी या पुलिस को नहीं बताया। क्यों? '
राहुल गांधी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली पर आरोप लगाते हुए कहा- 'विजय माल्या ने कहा कि वह जाने से पहले संसद में अरुण जेटली जी से मिले था। अरुण जेटली सभी बैठकों पर लंबा ब्लॉग लिखते हैं लेकिन मुझे नहीं पता कि इस मुलाकात के बारे में उन्होंने कोई ब्लॉग क्यों नहीं लिखा? उन्होंने कहा कि उनदोनों के बीच थोड़ी सी बात हुई, जो एक झूठ है।'
राहुल ने प्रेस कांफ्रेस में अरुण जेटली पर सवाल उठाते हुए कहा है- 'माल्या-जेटली में डील हुई है। वित्त मंत्री बताएं कि क्या उन्होंने ये डील खुद से की है या उन्हें ऐसा करने के लिए ऊपर से ऑर्डर मिला था?'
विजय माल्या के मुद्दे पर सरकार और अरुण जेटली के घेरते हुए राहुल गांधी ने साफ-साफ कहा है कि दोनों ही झूठ बोल रहे हैं।
गौरतलब है कि बुधवार (12 सितंबर) को विजय माल्या ने दावा करते हुए कहा कि भारत छोड़ने से पहले उन्होंने जेटली से मिलकर बैंकों का कर्ज चुकाने की पेशकश की थी। विजय माल्या के इस बयान के बाद से ही बीजेपी में खलबली मची हुई है, वहीं कांग्रेस को बीजेपी को घेरने का एक अच्छा मौका मिल गया है।
विजय माल्या के बयान पर सफाई देते हुए अरुण जेटली ने एक लिखित बयान जारी करके कहा कि माल्या का बयान पूरी तरह झूठ है और सच से उसका कोई वास्ता नहीं है। चूँकि वो राज्य सभा के सांसद थे और कभी-कभी संसद आते थे तो उन्होंने सांसद के तौर पर मिली हुई सुविधा का लाभ उठाते हुए एक मौके पर मेरे सदन से निकलते समय तेज चाल में चलकर मेरे पास आकर कहा कि "मैं कर्ज चुकाने का प्रस्ताव देना चाहता हूँ।"
उनके पुराने खोखले वादों के बारे में मुझे पहले ही जानकारी दी जा चुकी थी इसलिए मैंने उनसे कहा कि "मुझसे बात करने का कोई मतलब नहीं आप अपने बैंकरों से बात करें।" मैंने उनके हाथ में मौजूद कागजात तक नहीं लिये।" जेटली के अनुसार इस एक मौके पर इस एक पंक्ति से ज्यादा उनकी विजय माल्या से कोई बात नहीं हुई है।