जयपुर: राजस्थान में जारी सियासी ड्रामे के बीच सचिन पायलट को राजस्थान में उप-मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया है। पालट गुट के तीन मंत्री से भी मंत्रालय छीन लिया गया है। इस घोषणा से ठीक पहले राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने राज्यपाल से जाकर उनके आवास पर मुलाकात की। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, डिप्टी सीएम सचिन पायलट व तीन मंत्रियों को पद से हटाने के प्रस्ताव को राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया।
वहीं, इस मामले में पहली बार अशोक गहलोत सरकार में मंत्री पद से हटाए जाने के बाद कांग्रेस विधायक विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि हमने पार्टी विरोधी बयान क्या दिया है? हम केवल अपने घोषणापत्र में किए गए वायदों पर ध्यान देना चाहते थे, क्योंकि हम उन्हें सत्ता में रहने के करीब 2 साल तक नहीं पूरा कर पाए। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस आलाकमान समेत सबों से सवाल पूछा है कि किस दोष के लिए यह कार्रवाई की गई?
भाजपा ने अशोक गहलोत से मंत्रालय विस्तार से पहले बहुमत साबित करने के लिए कहा-
भाजपा ने अशोक गहलोत सरकार से मंत्रालय में विस्तार करने से पहले बहुमत साबित कराने की मांग की है। भाजपा नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि डिप्टी सीएम को सरकार से बाहर का रास्ता दिखाने के बाद कांग्रेस का आपसी कलह खुलकर सामने आया है।
इस मामले में अब भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता गजेंद्र सिंह शेखावत ने अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरकार पर तंज करते हुए केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने कहा कि प्रदेश सरकार 'ऑटो पायलट मोड' में है क्योंकि मुख्यमंत्री एक 'पायलट का पीछा करने में व्यस्त' हैं।
वहीं, गुलाब चंद ने कहा कि सरकार को मंत्रालय विस्तार से पहले अपना बहुमत साबित करना चाहिए। यदि सरकार ऐसा किए बिना मंत्रालय विस्तार करती है तो यह लोकतंत्र के लिए सही नहीं है।
जानें सचिन पायलट को बाहर का रास्ता दिखाने के बाद अशोक गहलोत ने क्या कहा-
इस मामले में मीडिया के सामने अशोक गहलोत ने कहा कि हमें खुशी नहीं है लेकिन मजबूर होकर हमने अपने साथियों के खिलाफ फैसला लिया है। इस पूरे घटना के लिए उन्होंने भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। इसके साथ ही गहलोत ने कहा कि वह पूरा कुनबा जो दिल्ली में है, वह भाजपा के मैनेजमेंट में हैं। यह सब मध्य प्रदेश की तरह ही करने का प्रयास हुआ है। उन्होंने कहा कि आलाकमान के निर्देश के बाद कांग्रेस पार्टी ने यह फैसला लिया है।
गोविंद सिंह डोटासरा को पायलट की जगह पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बने-
रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि गोविंद सिंह डोटासरा को पायलट की जगह पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की लगातार आज दूसरी बैठक में सचिन पायलय शामिल नहीं हुए। इसके बाद ये कार्रवाई की गई है। इसके अलावा बागी हुए विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा को भी मंत्री पदों से हटाया गया है।
इस कदम के कयास पहले से लगाए जा रहे थे। दरअसल सोमवार से ही कांग्रेस की ओर से कहा जा रहा है कि पार्टी के नेतृत्व की ओर से कई बार सचिन पायलट को मनाने की कोशिशें हो चुकी हैं। सूत्रों के अनुसार जयपुर के फेयरमॉन्ट होटल में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में मौजूद 102 MLA ने निर्विरोध तौर पर सचिन पायलट को पार्टी से बाहर निकालने की मांग की है।