आम लोगों के लिए खुला इंदिरा गांधी का सफदरजंग निवास, 31 जनवरी आख़िरी तारीख, जानें क्यों जाएं यहां

By गुलनीत कौर | Published: November 4, 2018 09:20 AM2018-11-04T09:20:56+5:302018-11-04T09:20:56+5:30

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1 सफदरजंग रोड, दिल्ली, यह वो बंगला है जहां देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी रहती थीं। इसी जगह उन्होंने 31, अक्टूबर, 1984 को आख़िरी सांसें ली थीं।

इंदिरा गांधी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं, जिन्होनें अपने राजनीतिक करियर में कुल तीन बार इस पद को हासिल किया था।

तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के दौरान ही साल 1984 में उन्होंने ऑपरेशन ब्लू स्टार जैसा बड़ा कदम उठाया था जिसके तहत सिखों के धार्मिक स्थल हरिमंदिर साहिब में छिपे आतंकियों को मार गिराने की कोशिश की गई।

इस ऑपरेशन में हरिमंदिर साहिब परिसर में बने अकाल तख्त की इमारत, आसपास की इमारते तहस-नहस हुईं। इसके अलावा यहां पहले से भारी संख्या में मौजूद सिख श्रद्धालु भी मारे गए थे।

इस बात से गुस्साए इंदिरा के सुरक्षा कर्मी, जो खुद भी सिख समुदाय से नाता रखते थे, उन्होंने इंदिरा को उनके ही निवास स्थान पर मार गिराया।

31 अक्टूबर की उस सुबह इंदिरा ठीक 9 बजे अपने निवास स्थान पर आयरलैंड के पीटर के साथ साक्षातकार करने वाली थी, लेकिन जैसे ही वे अपने दोनों सुरक्षा कर्मियों बेअंत सिंह और सतवंत सिंह के साथ बाहर आईं उन्होंने मौक़ा पाते ही इंदिरा पर एका-एक फायरिंग शुरू कर दी।

इस फायरिंग के कुछ ही मिनटों में प्रधानमंत्री इंदिरा ने अपने श्वास त्याग दिए। 9 बजकर 20 मिनट पर यह खबर सब जगह फ़ैल गई कि प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर उन्हीं के निवास स्थान पर हमला हुआ और अब वो नहीं रहीं।

इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजधानी दिल्ली सहित देश के अन्य 40 इलाकों में दंगे भड़क उठे। देशभर में सिख समुदाय के लोगों सरेआम मारा और जलाया गया।

चूंकि प्रधानमंत्री इंदिरा पर हमला करने वाले उनके सुरक्षा कर्मी सिख थे और इसके पीछे की वजह सिख समुदाय के पवित्र स्थल हरिमंदिर साहिब पर इंदिरा द्वारा हमला करवाना था, तो देशभर में लोग सिख समुदाय के खून के प्यासे हो गए।

इस समुदाय के केवल जवान पुरुष और महिलाओं को ही नहीं, लोगों ने बुजुर्गों और यहां तक कि बच्चों को भी नहीं छोड़ा।

महिलाओं का रेप, उनपर एसिड फेंकना, नन्हे बच्चों को उनकी माओं के सामने ही मार मारना, जलाना जैसे शिकायतें दर्ज कराई गईं। इन सब हादसों के कुछ समय के बाद इंदिरा गांधी के निवास स्थान को उनकी याद के तौर पर तैयार किया गया।

यहां उनके द्वारा इस्तेमाल की गई चीजों को रखते हुए म्यूजियम तैयार किया गया है। इस संग्रहालय में पूर्व प्रधानमन्त्री इंदिरा की अन्य राजनीतिक चेहरों संग ढेर सारी तस्वीरें भी मौजूद हैं।

जिस जगह उन्हें गिलियों से छलनी कर दिया गया, उसे उनके स्मारक के तौर परा बनाया गया है। इस समय यह निवास स्थान आम लोगों के लिए खोल दिया गया है। आने वाली 31 जनवरी तक यहां जाकर पूर्व प्रधानमन्त्री से जुड़ी यादों कि महसूस किया जा सकता है।