Yes बैंक पर लगेगा ताला? पिछले 9 महीने में बंद हो चुके हैं ये 3 बैंक

By धीरज पाल | Published: March 6, 2020 04:57 PM2020-03-06T16:57:03+5:302020-03-06T17:04:37+5:30

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Yes बैंक पर क्या ताला लगेगा? नकदी संकट से जूझ रहे Yes बैंक पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पैसे निकासी पर पाबंदी लगा दी है। बैंक के जमाकर्ताओं के लिए 50,000 रुपये की निकासी की सीमा तय की है। इसके बाद से ही जमाकर्ताओं के बीच पैसा निकाले की होड़ सी मच गई है और उन्हें येस बैंक बंद होने का डर भी सताने लगा है। (photo source: ANI)

आरबीआई द्वारा येस बैंक पर पाबंदी लगाए जाने के बाद बैंक के परेशान जमाकर्ताओं को एटीएम से धन निकालने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। लंबी कतारों में खड़े जमाकर्ताओं को कहीं मशीनें बंद पड़ी मिलीं तो कहीं एटीएम में धन नहीं था। येस बैंक के ग्राहकों की मुसीबत और बढ़ गई जब उन्हें इंटरनेट बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से धन स्थानांतरित करने में भी असुविधा झेलनी पड़ी। (photo source: ANI)

इससे करीब छह माह पहले रिजर्व बैंक ने बड़ा घोटाला सामने आने के बाद शहर के सहकारी बैंक पीएमसी बैंक के मामले में भी इसी तरह का कदम उठाया गया था। करीब 15 साल पहले शुरू हुआ यस बैंक काफी समय से डूबे कर्ज की समस्या से जूझ रहा है। इससे पहले दिन में सरकार ने एसबीआई और अन्य वित्तीय संस्थानों को यस बैंक को उबारने की अनुमति दी थी। (photo source: ANI)

इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि पिछले 15 महीनों में निवेशकों को 90 फीसदी तक का घाटा लग चुका है। सितंबर 2018 में इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 90 हजार करोड़ रुपये था, जो घटकर 9000 करोड़ रुपये बच गया है। बताते चलें कि पिछले 9 महीने में करीब देश की 3 बैंकों में ताला लग चुका है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण पीएमसी बैंक है... आइए जानते हैं कौन हैं वो तीन बैंक... (photo source: ANI)

पीएमसी बैंक घोटाला: आरबीआई ने 23 सितंबर साल 2019 में पंजाब एंड महाराष्ट्र कोअपरेटिव बैंक (PMC) में कथित धोखाधाड़ी की बात सामने आने के बाद आरबीआई ने बैंक पर पाबंदी लगा दी। शुरुआती में बैंक से जमा निकासी पर शुरू में 1,000 रुपये की पाबंदी लगायी गयी। उसके बाद सीमा बढ़ाकर 10,000 रुपये और इस सप्ताह की शुरूआत में 50,000 रुपये किया गया। फंसे कर्ज के बारे में सही जानकारी नहीं देने को लेकर पीएमसी को 23 सितंबर को छह महीने के लिये आरबीआई प्रशासिक के अंतर्गत लाया गया। बैंक ने 6,500 करोड़ रुपये का कर्ज एचडीआईएल को दिया जो उसके कुल कर्ज का 73 प्रतिशत है। बाद में कंपनी दिवालिया हो गयी। इससे बैंक की समस्या बढ़ी। (photo source: PTI)

आईडिया पेमेंट बैंक: 31 अक्टूबर 2019 को आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक को बंद कर दिया गया था। साल जुलाई की शुरुआत में आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक ने अपना कारोबार समेटने की घोषणा की थी। कंपनी ने इसके पीछे अहम वजह ‘अप्रत्याशित घटनाक्रम’ के चलते कारोबार का ‘अव्यवहारिक’ होना बताई थी। बताते चलें कि भुगतान बैंकिंग बाजार में अब तक चार कंपनियां बोरिया बिस्तर समेट चुकी हैं। टेक महिंद्रा, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनैंस कंपनी और दिलीप सांघवी, आईडीएफसी बैंक लिमिटेड और टेलिनॉर फाइनैंशल सर्विसेज के गठबंधन में बना भुगतान बैंक बाजार छोड़ने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं।

वोडाफोन एम पैसा बैंक: भारी नुकसान के बाद वोडाफोन ने साल 2018 में ही अपनी पेमेंट बैंक इकाई ‘एम-पैसा' का कामकाज बंद करने का फैसला कर लिया था। रिजर्व बैंक ने वोडाफोन एम-पैसा के आवंटित अधिकार प्रमाणपत्र (सीओए) रद्द किया। जनवरी 2020 में इसे पूरी तरह बंद कर दिया गया। बताते चलें कि वोडाफोन एम-पैसा उन 11 कंपनियों में शामिल है जिसे आरबीआई ने 2015 में पेमेंट बैंक का लाइसेंस दिया था।