‘Rudram’ Anti-Radiation Missile Sukhoi-30 fighter aircraft DRDO enemy targets images viral see pics
‘Rudram’ Anti-Radiation Missile: दुश्मन के रेडार को गिराने वाला, एंटी रेडिएशन मिसाइल, see pics By सतीश कुमार सिंह | Published: October 9, 2020 08:35 PM2020-10-09T20:35:09+5:302020-10-09T20:35:09+5:30Next Next भारत ने शुक्रवार को भारतीय वायु सेना के एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान से नयी पीढ़ी की एक विकिरण रोधी मिसाइल का सफल परीक्षण किया जो लंबी दूरी से विविध प्रकार के शत्रु रडारों, वायु रक्षा प्रणालियों और संचार नेटवर्कों को ध्वस्त कर सकती है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने कहा कि मिसाइल रुद्रम-1, भारत की पहली स्वदेश निर्मित विकिरण रोधी शस्त्र प्रणाली है और शुक्रवार सुबह करीब 10.30 बजे ओडिशा के बालासोर में एकीकृत परीक्षण रेंज से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने मिसाइल का परीक्षण प्रक्षेपण किया। अधिकारियों के अनुसार मैक टू या ध्वनि की गति से दोगुनी रफ्तार वाली मिसाइल में 250 किलोमीटर तक के दायरे में विविध प्रकार की शत्रु रडार प्रणालियों, संचार नेटवर्कों और वायु रक्षा प्रणालियों को मार गिराने की क्षमता होती है। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि रुद्रम ने पूरी तरह सटीकता से विकिरण लक्ष्य पर निशाना साधा और इस परीक्षण से लंबी दूरी तक हवा में प्रहार करने वाली विकिरण रोधी मिसाइलें विकसित करने की भारत की क्षमता साबित हुई है। इस मिसाइल का उड़ान परीक्षण ऐसे समय में हुआ है जब भारत का पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद चल रहा है। बयान में कहा गया, ‘‘रुद्रम का ओडिशा के तटीय क्षेत्र के पास व्हीलर द्वीप पर स्थित एक विकिरण लक्ष्य पर निशाना साधते हुए आज सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया।’’ मंत्रालय ने कहा, ‘‘मिसाइल को एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान के साथ जोड़ा गया है। रुद्रम ने पूरी तरह सटीकता के साथ विकिरण लक्ष्य पर निशाना साधा।’’ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई दी। उन्होंने कहा, ‘‘नयी पीढ़ी की विकिरण रोधी मिसाइल (रुद्रम-1) भारत की पहली स्वदेश निर्मित विकिरण रोधी मिसाइल है जिसे डीआरडीओ ने वायु सेना के लिए विकसित किया है। इसका सफल परीक्षण आज बालासोर में आईटीआर से किया गया। डीआरडीओ और अन्य संबंधित हितधारकों को इस प्रशंसनीय उपलब्धि के लिए बधाई।’’ अधिकारियों ने कहा कि जब मिसाइल वायु सेना में शामिल होने के लिए तैयार होगी तो इसे एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों के एक बैच के साथ जोड़ी जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि मिसाइल प्लेटफॉर्म और प्रणालियों से निकलने वाले विकिरण से सिग्नल प्राप्त करती है और उन्हें मार गिराती है। भारतीय वायु सेना ने पिछले साल मई में एक सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान से ब्रह्मोस मिसाइल के आकाशीय संस्करण का सफल परीक्षण किया था। टॅग्स :मिसाइलडीआरडीओनरेंद्र मोदीइंडियन एयर फोर्सभारतीय सेनाचीनपाकिस्तानराजनाथ सिंहजम्मू कश्मीरलद्दाखmissileDRDONarendra Modiindian air forceIndian armyChinaPakistanRajnath Singhjammu kashmirLadakhशेअर :