साहिर लुधियानवी: ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है, पढ़ें उनके 10 चुनिंदा शेर

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 25, 2019 12:06 PM2019-10-25T12:06:50+5:302019-10-25T12:07:19+5:30

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अब्दुल हयी यानी साहिर लुधियानवी का जन्म 8 मार्च 1921 को एक रईस खानदान में पैदा हुए थे।

बचपन से ही वो अपने मां-पिता से अलग मुफलिसी में गुजर करते थे।

अपने संघर्ष के दिनों में साहिर लगातार शायरी लिखते रहे। 1943 में उनकी पहली किताब तल्खियां प्रकाशित हुई।

साहिर लाहौर से मुंबई पहुंचे और फिल्मों के लिए लिखना शुरू कर दिया।

बतौर गीतकार उनकी पहली फिल्म थी आजादी की राह पर।

साहिर ने बॉलीवुड के गीतों को नई ऊंचाइयां दी हैं। 1963 में ताजमहल फिल्म के लिए उन्हें फिल्म फेयर अवार्ड मिला।

कभी-कभी फिल्म के लिए उन्हें साल 1976 में दूसरा फिल्म फेयर अवार्ड मिला।

8 मार्च 2013 को साहिर के 92वें जन्मदिन पर सम्मान में स्टाम्प जारी किया गया।

25 अक्टूबर, 1980 को साहिर लुधियानवी का निधन हो गया।

प्यार पर साहिर की सोच सबसे जुदा है। प्यार की पराकाष्ठा पर जाकर वो लिखते हैं, 'चलो एकबार फिर से अजनबी बन जाएं हम दोनों।'