Indian Air Force MiG-21 27 su 30mki Rafale india strength photos images viral see pics
Indian Air Force: मिग—21 से लेकर राफेल तक, वायु सेना की ताकत, see pics By सतीश कुमार सिंह | Published: July 30, 2020 02:31 PM2020-07-30T14:31:27+5:302020-07-30T14:53:43+5:30Next Next रूस के मिकोयान—गुरेविच डिजाइन ब्यूरो द्वारा निर्मित मिग—21 को 1961 में हासिल करने से लेकर फ्रांस निर्मित पांच राफेल लड़ाकू विमान की पहली खेप बुधवार को प्राप्त करने तक भारत ने अपनी हवाई हमला क्षमता को मजबूती प्रदान करने के लिये एक लंबा सफर तय किया है। इन वर्षों में भारत ने बेहतर युद्धक क्षमता वाले कुछ लड़ाकू विमानों को हासिल किया है, जिसने देश की वायु सेना की ताकत बढ़ायी है। राफेल जेट : भारत ने करीब दो दशक बाद नये बहुद्देशीय पांच राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप बुधवार को प्राप्त की । इन विमानों के आगमन के साथ ही देश की वायु शक्ति को सामरिक बढ़त मिली है । केंद्र की राजग सरकार ने सितंबर 2016 में फ्रांस की कंपनी दसाल्ट एवियेशन के साथ 59 हजार करोड़ रुपये में 36 लड़ाकू विमानों को खरीदने का सौदा किया था। राफेल को जिन मुख्य हथियारों से लैस किया जाएगा उनमें यूरोपीय मिसाइल निर्माता एमबीडीए की, दृष्टि सीमा से परे निशानों पर भी हवा से हवा में वार करने में सक्षम मेटयोर मिसाइल, स्कैल्प क्रूज मिसाइल और एमआईसीए हथियार प्रणाली मुख्य रूप से शामिल हैं। भारतीय वायुसेना राफेल लड़ाकू विमान के हथियारों में शामिल करने के लिये मध्यम दूरी की मारक क्षमता वाली, हवा से जमीन पर वार करने में सक्षम अत्याधुनिक हथियार प्रणाली ‘हैमर’ भी खरीद रही है। रूस के इस उन्नत लड़ाकू विमान को 2002 में वायुसेना में शामिल किया गया था । यह लड़ाकू जेट विमान हवा से हवा में और हवा से जमीन पर मार करने में सक्षम है। यह दो सीटों तथा दो इंजन वाला बहुद्देशीय लड़ाकू विमान है। यह रूसी विमान 8000 किलो के आयुध के साथ-साथ वन एक्स 30 एमएम जीएसएच तोप ले जाने में सक्षम है। यह मध्यम-श्रेणी की हवा से हवा में मार करने वाली गाइडेड मिसाइलों के अलावा सक्रिय या अर्ध-सक्रिय रडार या इंफ्रा रेड होमिंग क्लोज रेंज मिसाइलों को ले जाने में सक्षम है । इस विमान की अधिकतम गति 2500 किलोमीटर प्रति घंटा है। मिराज—2000 : यह भारतीय वायुसेना के सबसे बहुमुखी एवं घातक लड़ाकू विमानों में से एक है । इसे पहली बार 1985 में वायु सेना में शामिल किया गया था। मिराज—2000 को दसाल्ट एवियेशन ने विकसित किया है । यह एक सीट वाला बहुद्देशीय लड़ाकू विमान है। इस फ्रांसीसी विमान में एक इंजन है। यह अधिकतम 2495 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उड़ सकता है। यह बाहरी स्टेशनों पर 30 मिमी की दो तोपों और सुपर 530 डी मध्यम-रेंज की दो मिसाइल एवं दो आर—550 मैजिक टू क्लोज कॉम्बैट मिसाइलों को ले जाने में सक्षम है। मिग—27 : जमीन पर मार करने वाले इस विमान का डिजाइन रूसी कंपनी मिकोयान—गुरेविच डिजाइन ब्यूरो ने किया था और इसका निर्माण हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड ने लाइसेंस समझौते के तहत किया है । यह विमान एक इंजन वाला है और एक सीट वाला है। सामरिक रूप से प्रहार करने वाले इस विमान की अधिकतम गति 1700 किलोमीटर प्रति घंटा है । यह चार हजार किलो आयुध के साथ छह बैरल वाले 23 मिमी की एक रोटरी तोप को ले जाने में सक्षम है। मिग —29 इस विमान का निर्माण रूसी कंपनी मिकोयान— गुरेविच डिजाइन ब्यूरो ने किया है। इसे 1970 के दशक में अमेरिका की एफ श्रृंखला के एफ—15 एवं एफ—16 जैसे विमानों का मुकाबला करने के लिये निर्मित किया गया था। इसे 1985 में वायुसेना में शामिल किया गया था। सुखोई के बाद मिग—29 देश की दूसरी रक्षा पंक्ति का निर्माण करता है। इस विमान में दो इंजन और एक सीट है। यह श्रेष्ठ लड़ाकू विमानों में से एक है। इसकी अधिकतम गति 2445 किलोमीटर प्रति घंटा है। इसकी युद्धक सीमा 17 किलोमीटर की है। यह 30 मिमी की एक तोप के साथ साथ चार आर—60 लड़ाकू एवं दो आर—27 मध्यम रेंज रडार निर्देशित मिसाइल ले जाने में सक्षम है। जगुआर : जगुआर लड़ाकू विमान ब्रिटेन की शाही वायुसेना एवं फ्रांस की वायुसेना ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। इस विमान में दो इंजन एवं एक सीट है। यह दुश्मन के बीच जाकर उन्हें मारने की क्षमता रखता है। इसकी अधिकतम गति 1350 मिलोमीटर प्रति घंटा है। इसमें 30 मिमी के दो तोप हैं और यह दो आर-350 मैजिक सीसीएम के साथ 4750 किलो सामान (बम/ईंधन) ले जाने में सक्षम है। मिग—21 बाइसन : भारतीय वायुसेना ने 1961 में मिकोयान—गुरेबिच डिजाइन ब्यूरो निर्मित मिग—21 विमान को हासिल किया था। इसमें एक इंजन और एक सीट है। यह विभिन्न भूमिका निभाने वाला लड़ाकू विमान है जो जमीन पर मार करने में सक्षम है। यह विमान भारतीय वायुसेना की रीढ़ है। इसकी अधिकतम गति 2230 किलोमीटर प्रति घंटा है और यह 23 मिलीमीटर के दो बैरल वाले तोप के साथ चार आर-60 लड़ाकू मिसाइल ले जा सकता है।टॅग्स :इंडियन एयर फोर्सनरेंद्र मोदीइंदिरा गाँधीरूसअमेरिकाचीनपाकिस्तानफ़्रांसराफेल सौदाराफेल फाइटर जेटराजनाथ सिंहमनोहर पर्रिकरभारतीय सेनाindian air forceNarendra ModiIndira GandhiRussiaAmericaChinaPakistanFranceRafale DealRafale Fighter JetsRajnath SinghManohar ParrikarIndian armyशेअर :