1 / 8इतना सुंदर जीवन दिया हमें कई लोगों की कुर्बानी ने फैशन ने अंधा कर दिया हमें जोश भरी जवानी में क्या समझेंगे हम मोल इस आजादी का कभी सहा नहीं दर्द हमने गुलामी का2 / 8मां तुझे सलाम तू मस्तक पर विराजे यही है मेरी शान तिरंगा मिले कफन में मुझे यही उपहार होगा तेरा हर जीवन तेरे आंचल में खिले यही अरमान होगा मेरा3 / 8सीमा पर लोग मरते हैं वो खुशनसीब अमर हो जाते हैं मेरी बदकिस्मती है ये हम आम जिंदगी जीएं चले जाते हैं4 / 8दिल के तार जुड़ गए हैं उससे बेवफाई ना होगी मुझसे उसकी भक्ति में ही सुकून है ऐ भारत मां क्या तुझे मेरा मस्तक कुबूल है5 / 8खूबसूरती ऐसी है मेरे वतन की शान है दिल में तिरंगे की जिंदगी से इतना प्यार न रह गया भारत मां का दुलार ही जीवन बन गया6 / 8न पाल हिन्दू-मुस्लिम का बैर मेरी मां के प्यार को न बना इतना गैर उसके दिल में सभी समान हैं सब मिलकर रहे इसी में उसकी शान है7 / 8क्या हिन्दू क्या मुस्लिम क्या सिख क्या ईसाई मेरी मां ने कहा था हम सब हैं भाई-भाई8 / 8पैसे की चाह में देश छूट गया ऐ वतन मैं तुझसे दूर हो गया न जानता था मैं इस मिट्टी की खुशबू न समझता था मैं अपनों की आरजू