Cyclone Nisarga: चक्रवात की दिशा बदलने से मुंबई के मछुआरों ने ली चैन की सांस, कमजोर पड़ा निसर्ग

By मनाली रस्तोगी | Published: June 4, 2020 11:09 AM2020-06-04T11:09:15+5:302020-06-04T11:09:15+5:30

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तेज हवाओं के साथ आए चक्रवात निसर्ग ने मुंबई के मछुआरों के साथ नागरिकों को प्रभावित किया है।

हालांकि, चक्रवात निसर्ग ने अपनी दिशा बदल ली, जिसके कारण आर्थिक राजधानी मुंबई में तटीय गांवों और मछुआरों ने राहत की सांस ली।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, निसर्ग मुंबई के करीब अलीबाग तक पहुंचा लेकिन इसने महानगर को प्रभावित नहीं किया और अब यह महाराष्ट्र में पश्चिमी विदर्भ में दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो गया है और फिर कमजोर पड़ जाएगा।

महाराष्ट्र के तटीय जिलों में बुधवार दोपहर 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पहुंचने के बाद यह चक्रवात शाम में कमजोर पड़ गया।

मगर महाराष्ट्र के पड़ोसी तटीय जिलों रायगढ़ और पालघर में इस तूफान का असर पड़ा। वहां तेज हवाएं चली, भारी बारिश और समुद्र में ऊंची लहरें उठी।

तटीय इलाकों के कुछ हिस्सों में छह से आठ फुट ऊंची लहरें उठीं। कुछ स्थानों पर आवासीय अपार्टमेंट की छतों पर लगी टिन की छतें उखड़ गई और कई पेड़ तथा बिजली के खंभे भी उखड़ गए।

वहीं, चक्रवात के कारण मुंबई और उपनगरों में बुधवार सुबह से ही भारी बारिश जारी रही। इसके अलावा हवा की गति भी स्थिर थी। दोपहर में जब बारिश और हवा बढ़ने लगी तो कुछ स्थानों पर पेड़ गिरने की घटनाएं सामने आईं।

अधिकारियों ने बताया कि रायगढ़ जिले में चक्रवात से बचने के लिए घर जा रहे 58 वर्षीय व्यक्ति पर बिजली का ट्रांसफॉर्मर गिर गया जिससे उसकी मौत हो गई जबकि पुणे जिले में अलग-अलग घटनाओं में मकान ढहने से 65 वर्षीय महिला और 52 वर्षीय शख्स की मौत हो गई।

चक्रवात निसर्ग के चलते मुंबई में तीन लोगों की मौत हो गई और इतने ही लोग घायल भी हुए हैं।

वहीं, असम में बाढ़ के हालात में बुधवार को थोड़ा सुधार हुआ। बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में एक व्यक्ति की मौत होने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है।