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बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खतरा हैं ये 10 चीजें, बीमारियों से बचें न करें ये गलतियां

By संदीप दाहिमा | Updated: January 11, 2020 07:32 IST

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बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य और सम्पूर्ण विकास के लिए उनके खान-पान का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, हम आपको कुछ ऐसी चीजें के बारे में बता रहें हैं जिन्हें छोटे बच्चों को नहीं खिलाना चाहिए।
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एनएचएसके अनुसार, शिशुओं को ज्यादा नमक नहीं देना चाहिए, क्योंकि यह उनके गुर्दे के लिए अच्छा नहीं है। अपने बच्चे के भोजन या खाना पकाने के पानी में नमक न डालें और स्टॉक क्यूब्स या ग्रेवी का उपयोग न करें, क्योंकि इनमें नमक ज्यादा होता है। इसके अलावा उन्हें नमकीन खाद्य पदार्थो जैसे बेकन, सॉस, नमक के चिप्स, क्रिस्प, रेडी मील्स आदि।
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बच्चों को मीठी चीजों से दूर रखना चाहिए। उन्हें इसकी जरूरत नहीं होती है। उन्हें नैचरल रूप से फल और अन्य चीजों से आवश्यक शुगर मिल जाती है। बच्चे को अतिरिक्त चीनी देने से उसके दांत खराब हो सकते हैं। इसके अलावा वह मोटापे और डायबिटीज का शिकार हो सकता है।
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ऐसा माना जाता है कि छोटे बच्चों को शहद चटाना चाहिए। बल्कि कई जगहों पर तो नवजात बच्चे को भी शहद खिलाना शुरू कर दिया जाता है। इससे बच्चे को बोटुलिज्म की समस्या हो सकती है। यह एक गंभीर बीमारी है जो बच्चों की आंतों की नली में मौजूद एक जीवाणु के विकास से फैलती है। इसके अलावा शहद में ऐसे बैक्टीरिया भी हो सकते हैं जो बच्चे के पाचन क्रिया को प्रभावित कर सकते हैं।
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मां के दूध के बाद गाय का दूध बच्चे के लिए सबसे सेहतमंद माना जाता है। बच्चों को गाय का दूध बिल्कुल भी नहीं पिलाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि उसमें प्रोटीन से लेकर पोटेशियमन और सोडियम की अत्यधिक मात्रा होती है जो बच्चे का पाचन सिस्टम हीं झेल पाता।
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छोटे बच्चों को गाजर और मूली जैसे कड़क चीजें नहीं खिलानी चाहिए। यह चीजें उसके गले में फंस सकती है और उसके पाचन सिस्टम को भी खराब कर सकती हैं।
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अपने बच्चे को बहुत से ऐसे खाद्य पदार्थ न दें जिनमें संतृप्त वसा की मात्रा अधिक है। इन चीजों में क्रिस्प, बिस्कुट और केक आदि शामिल हैं। खाद्य पदार्थों पर पोषण लेबल की जाँच करने से आपको उन खाद्य पदार्थों को चुनने में मदद मिल सकती है जिनमें संतृप्त वसा कम है।
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5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नट्स और मूंगफली नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि ये चीजें उनके गले में फंस सकती हैं। यदि आपके परिवार में फ़ूड एलर्जी या अन्य एलर्जी का इतिहास है, तो नट्स और मूंगफली देने से पहले डॉक्टर से बात करें।
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5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को गाय का दूध के अलावा चावल का पानी भी नहीं दिया जाना चाहिए। इसमें बहुत अधिक आर्सेनिक हो सकता है। आर्सेनिक एक ऐसा तत्व है जो मतली और उल्टी, खांसी, थकान, बुखार, सिरदर्द, पेट दर्द आदि का खतरा हो सकता है।
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बच्चों को कभी भी कच्ची या अधपकी मछली जैसे मसल्स, क्लैम और सीप नहीं खिलानी चाहिए। यह फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा बच्चों को कच्चा या कम उबला अंडा भी नहीं देना चाहिए।
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पनीर शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए एक स्वस्थ, संतुलित आहार का हिस्सा बन सकता है और कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन प्रदान करता है। लेकिन बच्चों को हल्के चेडर पनीर, कॉटेज पनीर और क्रीम पनीर नहीं देना चाहिए।
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