कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लागू है और इस कारण लोगों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने सभी बैंकों को लोन की ईएमआई तीन महीने के लिए टालने की सलाह भी दी थी।
कुछ बैंकों ने आरबीआई की सलाह को मान लिया है और ग्राहकों के लोन की ईएमआई तीन महीने के लिए टालने का फैसला किया है। तो अब हम आपको बताते हैं कि अब तक (1 अप्रैल) किन-किन बैंकों ने अपने ग्राहकों को यह राहत दी है। हालांकि ग्राहकों को यह ध्यान रखना होगा कि लोन की ईएमआई माफ नहीं हुई है, बल्कि इसे टाला गया है।
स्टेट बैंक ने दी ग्राहकों को राहत
पब्लिक सेक्टर से बैंक स्टेट बैंक ने सबसे पहले अपने ग्राहकों को लोन की ईएमआई टालने का फैसला किया। एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार के बताया कि ग्राहकों को इसका फायदा अपने आप मिल जाएगा।
यूनियन बैंक के ग्राहकों को भी फायदा
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने सभी शाखाओं को लोन की किस्त पर तीन महीने की रोक के संदर्भ में सूचना दे दी है। यूनियन बैंक ने कहा कि जिन ग्राहकों ने ईएमआई काटे जाने को लेकर ईसीएस का विकल्प चुना है, उन गाहकों को इस सुविधा का लाभ लेने के लिए संबंधित शाखा को ई-मेल या अन्य डिजिटल माध्यम से सूचना देनी होगी।'
पंजाब नेशनल बैंक ने किया ट्वीट
पीएनबी ने ट्वीट कर कहा, 'कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए एक मार्च 2020 से 31 मई 2020 के बीच की निश्चित अवधि वाले कर्ज की किस्त, नकद जमा सुविधा पर ब्याज की वसूली को टाले जाने का निर्णय किया गया है।'
बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी दी सुविधा
बैंक ऑफ बड़ौदा ने ट्वीट किया, 'कोरोना वायरस महामारी के आर्थिक प्रभाव से निपटने के लिये आरबीआई के पैकेज में भारतीय बैंकों को कर्ज की किस्त टालने, कार्यशील पूंजी पर ब्याज एक मार्च 2020 से तीन महीने के लिये बढ़ाने की अनुमति देना शामिल है।'
केनरा बैंक के ग्राहकों को भी मिलेगा लाभ
केनरा बैंक ने ट्वीट किया, 'आरबीआई पैकेज के तहत कर्जदार अपना एक मार्च 2020 से 31 मई 2020 तक भुगतान वाली अपनी ईएमआई तीन महीने के लिये टाल सकते हैं।'
कैसे ले सकते हैं इस सुविधा का लाभ
अगर आप भी इस सुविधा का लाभ लेना चाहते हैं तो आपको कुछ करने की जरूरत नहीं हैं आपको इसका लाभ अपने आप मिल जाएगा। हालांकि अगर आपने ईएमआई काटे जाने को लेकर ईसीएस यानि ऑटोमेटिक पेमेंट का विकल्प चुना है तो इस सुविधा का लाभ लेने के लिए संबंधित शाखा को ई-मेल या अन्य डिजिटल माध्यम से सूचना देनी होगी।