प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम का लाभ प्राप्त करने वालों किसानों के बेहद जरूरी खबर आई है। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, असम और मेघालय के किसानों को सालाना 6000 रुपये की सहायता लेने के लिए 31 मार्च तक आधार वेरिफिकेशन करवाना होगा। ऐसा नहीं करने से किसानों को मिल रही राशि बंद हो जाएगी। मोदी सरकार ने किसान सम्मान निधि स्कीम की शुरुआत पिछले साल शुरू की थी, इसके तहत खेती-किसानी के लिए किसानों के खाते में सीधे पैसा ट्रांसफर किए जाने का प्रावधान है। जम्मू-कश्मीर सहित 4 राज्यों में आधार लिंक करवाने की समय बढ़ाई गई है। वहीं बाकी राज्यों में आधार वेरिफिकेशन की तारीक 30 नवंबर 2019 ही थी।
सुविधा का लाभ लेने में हो रही है दिक्कत तो करें ये काम
अगर आपको इस स्कीम से संबंधित कोई दिक्कत आ रही तो आप पहले अपने लेखपाल और जिला कृषि अधिकारी से संपर्क करें। अगर वहां भी आपकी बात नहीं बनी तो केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर 155261 या 1800115526 (ट्रोल फ्री) पर संपर्क करें। इसके अलावा आप केंद्रीय कृषि मंत्रालय के दूसरे नंबर (011-23381092) पर भी बात कर सकते हैं। हालांकि सबसे पहले आपको आधार लिंक करवाना होगा।
किसान मोबाइल का करें इस्तेमाल
पीएम-किसान योजना की शुरुआत 24 फरवरी 2019 को उत्तर प्रदेश में की गई थी। पश्चिम बंगाल को छोड़कर सभी राज्य इस योजना को लागू कर रहे हैं। किसान मोबाइल ऐप का इस्तेमाल कर किसान योजना के तहत अपने भुगतान की स्थिति, आधार कार्ड के अनुसार सही नाम, पंजीकरण की स्थिति और योजना की पात्रता की जानकारी ले सकते हैं।
लाभार्थियों की संख्या घटी
समाचार-एजेंसी पीटीआई-भाषा के अनुसार लाभार्थियों की संख्या घटती दिख रही है। उत्तर प्रदेश में 2.01 करोड़ लाभार्थियों को चिन्हित किया गया था। वहां पहली किस्त 1.85 करोड़ किसानों को दी गयी जबकि तीसरी किस्त में यह संख्या कम होकर 1.49 करोड़ पर आ गई। इसके अलावा बिहार जैसे राज्य जहां खेती-किसानी पर ही ज्यादा लोग निर्भर हैं वहां भी तीसरी किस्त में लाभार्थियों की संख्या घटी है।
सरकार ने 2019-20 के अंतरिम बजट में पीएम किसान सम्मान निधि योजना की शुरूआत की थी। एक दिसंबर 2018 से लागू इस योजना के तहत छोटे एवं सीमांत किसानों की सहायता के लिये 6,000 रुपये सालाना उनके खाते में डाले जाते हैं। यह राशि 2,000-2,000 रुपये के रूप में तीन किस्तों में दी जाती है। जहां 2018-19 के चार महीनों के लिये इस योजना तहत 20,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। वहीं 2019-20 के बजट में इसके लिये 75,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी।
कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पूंजी झोंकने की राय कई विशेषज्ञों द्वारा दी जा रही है। प्रधानमंत्री किसान योजना इसमें काफी सहायक हो सकता है। पीएम किसान योजना के चलते किसानों के हाथ में पैसा आएगा और उनकी खरीद क्षमता बढ़ेगी, इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी। इस कदम से ने सिर्फ कृषि क्षेत्र को गति मिलेगी बल्कि घरेलू उपयोग के सामान की मांग भी बढ़ेगी।