जानें बिना इनकम टैक्स भरे कैसे कर सकते हैं कम समय में पैसे डबल
By स्वाति सिंह | Published: December 20, 2017 08:36 AM2017-12-20T08:36:50+5:302018-06-14T14:24:37+5:30
इसमें इन्वेस्ट करने के लिए आप अपनी सुविधा के हिसाब से मासिक, तिमाही, छमाही, सालाना या एकमुश्त निवेश कर सकते हैं।
जरा सोचिए अगर कम समय में पैसे डबल करने के साथ-साथ इनकम टैक्स की भी बचत हो जाए। शेयरों में इन्वेस्ट करने वाले म्युचुअल फंड के इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) आपको हमेशा से यह मौका देता है। इसमें इन्वेस्ट करने से ना केवल आपके पैसे डबल हो जायेंगे बल्कि इसके साथ-साथ आप आयकर अधिनियम धारा 80 सी के तहत अपने इनकम टैक्स में भी 1.5 लाख रुपए तक के डिडक्शन का लाभ उठा सकते है। इसलिय आप जब टैक्स प्लानिंग करते हैं तो इस ऑप्शन का ध्यान जरुर रखें, क्यूँकी बात जब रिटर्न्स की आती है तो इसमें अच्छे रिटर्न के साथ इसका लॉक-इन पीरियड भी बहुत कम, केवल तीन साल का है। इसमें इन्वेस्ट करने के लिए आप अपनी सुविधा के हिसाब से मासिक, तिमाही, छमाही, सालाना या एकमुश्त निवेश कर सकते हैं।
आखिर वजह क्या है ईएलएसएस के अच्छे रिटर्न्स की
ईएलएसएस डायवर्सिफाइड है मतलब यह की फंड अलग-अलग उद्योगों और आकार की कंपनियों के शेयरों में इन्वेस्ट करता है जिससे कि फंड में विविधिता बनी रहे। यह इसलिए कि निवेश में जीतनी अधिक विविधिता होगी उतना ही रिस्क कम होगा। ईएलएसएस अपने कॉरपस के कम से कम 65 फीसदी का इन्वेस्ट इक्विटी में करते हैं। अगर ईएलएसएस के इन्वेस्टमेंट पैटर्न पर ध्यान दें तो पता चलता है ज्यादातर फंडों ने इक्विटी में 90 फीसदी से ज्यादा का इन्वेस्ट किया हुआ है। अन्य एसेटस की तुलना में इक्विटी लांग टर्म में सबसे बेहतर रिटर्न देने वाला एसेट क्लास है। यही वजह है कि फाइनेंशियल प्लानर भी यह सलाह देते हैं कि फंडों की इस केटेगरी को सिर्फ टैक्स-सेविंग के नजरिए से ही नहीं बल्कि लॉन्ग टर्म में यह आपके आर्थिक लक्ष्यों को पूरा करने में भी अहम भूमिका निभाता है।
कैसे करें अपने लिए बेहतर ईएलएसएस का चुनाव
आजकल बाजार में 50 से भी ज्यादा ईएलएसएस योजनाएं हैं। ऐसे में अपने फायदे के लिए ईएलएसएस को चुनना जिसपर जिस पर बेहतर रिटर्न मिले थोड़ा मुश्किल हो जाता है। इसलिए हम उन्हीं मानदंडों के बारे में थोड़ा जानते हैं। जो फंड की इन्वेस्ट शैली, निवेश का पोर्टफोलियो, फंड के खर्च, बाजार के उतार-चढ़ाव के दौरान परफोर्मेंस, रिस्क-लाभ रेश्यो और प्लान का वैल्यूएशन आदि इन बातों पर ध्यान रखने से सही ईएलएसएस का चुनाव किया जा सकता है। इसके अलावा जो ध्यान करने वाली बातें हैं वो यह है कि वह ईएलएसएस किस फंड हाउस का है और उस फंड हाउस का रेपुटेशन कैसा रहा है। इसके अलावा इन्वेस्टर्स को उस फंड पर दांव लगाना चाहिए जिसने बाजार के उतार-चढ़ाव के दौरान भी बेहतरीन परफोर्मेंस किया हो।
इन्वेस्ट कैसे करें
आपके पास डीमैट खाता होना चाहिय जिसकी केवाईसी की प्रक्रिया पूरी हो चुकी हो। तब आप फंड कंपनी की वेबसाइट के जरिए ईएलएसएस में सीधे इन्वेस्ट कर सकते हैं, या फिर दूसरा तरीका यह है कि आप किसी म्यूचुअल फंड एजेंट की मदद लें। वह इन्वेस्ट की पुरे प्रोसेस के दौरान आपकी मदद करेगा। www.fundsindia.com वेबसाइट भी आपको किसी भी म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट की सुविधा उपलब्ध कराता है। एजेंट न मिलने पर आप इस वेबसाइट के जरिए भी ईएलएसएस में निवेश कर सकते हैं।