मुश्किल नहीं है क्रेडिट स्कोर में सुधार करना, अपनाएं ये 5 तरीके
By स्वाति सिंह | Published: July 2, 2020 01:43 PM2020-07-02T13:43:13+5:302020-07-02T13:58:26+5:30
क्रेडिट स्कोर की सीमा 300 से 900 के बीच होती है। 300 स्कोर सबसे कम और 900 क्रेडिट स्कोर को सबसे अच्छा माना जाता है। अगर आपको अपना क्रेडिट स्कोर पता है तो आइये जानते हैं कि आप क्रेडिट स्कोर की किस श्रेणी में आते हैं।
बदलते लाइफस्टाइल या बढ़ती जिम्मेदारियों की वजह से ज्यादातर लोगों के खर्चे बढ़ रहे हैं। ऐसे में लोन लेना या किश्तों पर सामान लेना आम बात हो गई है। लेकिन ध्यान रखें कि इस दौरान क्रेडिट स्कोर को बैलेंस करना भी काफी जरूरी है, नहीं तो आपको भविष्य में लोन लेने में दिक्कत हो सकती है।
जानकारी के अभाव के कारण कई लोग अपना क्रेडिट स्कोर खराब कर लेते हैं। इस वजह से ऐसे लोगों को लोन लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। क्रेडिट स्कोर संस्था सिबिल के अनुसार, क्रेडिट स्कोर की रेंज 300 से 900 के बीच हो सकती है। अगर किसी व्यक्ति का स्कोर 750 या इससे ऊपर होता है तो बैंक ऐसे लोगों को आसानी से लोन मुहैया कराती है।
जिन लोगों का क्रेडिट स्टोर अच्छा होता है इसका मतलब है कि ऐसे लोगों के पास बैंक का या फाइनेंस कंपनी का पैसा डूबने का खतरा कम होता है। खराब क्रेडिट स्कोर यह दर्शाता है कि आप कर्ज चुकाने में असमर्थ हो सकते हैं। इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि क्रेडिट स्कोर सुधारने के लिए किन बातों का ध्यान रखना होता है।
1. 40 फीसदी से कम लें क्रेडिट
क्रेडिट स्कोर सुधारने के लिए इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आपके पास मौजूद क्रेडिट कार्ड से आप 40 फीसदी या इससे पैसा उपयोग करें। उदाहरण के लिए, मान लीजिए आपके पास मौजूद क्रेडिट कार्ड की क्रेडिट लिमिट 1 लाख रुपए है तो इसका 40 फीसदी होता है 40 हजार रुपए। यानी आप 40 हजार रुपए या इससे कम पैसे क्रेडिट लें और समय पर भुगतान करें।
ऐसा इसलिए क्योंकि जो लोग अपनी क्रेडिट लिमिट का मात्र 40 फीसदी या इससे कम पैसा यूज करते हैं उनका क्रेडिट स्कोर हाई होता है। साथ ही ऐसे लोगों को बैंक या फाइनेंस कंपनियां आसानी से लोन देती है।
2. किश्त का भुगतान सही समय पर करें
अगर आपने क्रेडिट कार्ड से क्रेडिट लिया है या कोई सामान किश्तों पर खरीदा है तो उसका सही समय पर भुगतान करें। अगर आप सही समय पर भुगतान नहीं करते हैं तो इसका आपके क्रेडिट स्कोर पर नेगेटिव असर पड़ता है। इस वजह से आपका क्रेडिट स्टोर डाउन हो सकता है।
अगर आपने अपना क्रेडिट स्कोर खराब कर लिया है तो अगले 6 से 8 महीने तक सही समय पर पेमेंट करके आप अपना क्रेडिट स्कोर सुधार सकते हैं। इसके लिए आप मोबाइल में रिमाइंडर सेट कर सकते हैं।
3. बार-बार न बढ़वाएं क्रेडिट कार्ड लिमिट
अगर आपके दिन-ब-दिन खर्चे बढ़ रहे हैं और इस वजह से आप अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट को बार-बार बढ़वा रहे हैं तो यह गलत है। ऐसा करने से आप भारी रकम क्रेडिट ले लेते हैं और उसका सही समय पर भुगतान नहीं कर पाते हैं। इसका क्रेडिट स्कोर पर नेगेटिव इफेक्ट पड़ता है। इसलिए भलाई इसी में है कि आप अपने फालतू के खर्चों पर कंट्रोल करें।
4. ईएमआई-टू-इनकम अनुपात बैलेंस करें
ईएमआई-टू-इनकम अनुपात की गणना आपकी इनकम और क्रेडिट के आधार पर की जाती है। इसे आसान भाषा में आप ऐसे समझ सकते हैं। मान लीजिए आपकी मासिक इनकम 50,000 रुपए है, तो आप इसका 50 फीसदी हिस्सा किश्तों या क्रेडिट कार्ड के भुगतान के लिए उपयोग कर सकते हैं बाकी हिस्सा आपके जीवन यापन के लिए होता है। यह नियम बैंक लोन देते समय अपनाती है।
अगर अपकी इनकम का 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सा किश्तों या लोन के भुगतान के लिए जाता है तो ऐसे में आपका क्रेडिट स्कोर खराब होता है। ऐसा होने से बैंक या फाइनेंस कंपनिया आपको आसानी से लोन नहीं देती हैं।
5. क्रेडिट रिपोर्ट की गलतियों पर ध्यान दें
आपने जो क्रेडिट लिया है उसकी हर महीने रिपोर्ट आती है। अगर इस रिपोर्ट में आपको कोई गलती नजर आ रही है तो इसे नजर अंदाज न करें। नजर अंदाज करने से आपके क्रेडिट स्कोर पर नेगेटिव इफेक्ट पड़ सकता है। अगर आप अपना क्रेडिट स्कोर सुधारना चाहते हैं तो क्रेडिट रिपोर्ट में दी गई गलतियों को सही समय पर ठीक करवाएं।