कल से GST की दरों सहित बदल जाएंगे ये नियम, जानें क्या पड़ेगा इन बदलाव का असर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 30, 2019 04:41 PM2019-09-30T16:41:09+5:302019-09-30T16:41:09+5:30
केंद्र की मोदी सरकार ने 1 अक्टूबर से कई चीजों पर जीएसटी की दरों को घटाने का फैसला लिया है। अब नए जीएसटी नियमों के तहत 1000 रुपये तक के किराए वाले होटल के रूम के लिए टैक्स नहीं देना होगा।
कल यानि 1 अक्टूबर से देशभर में कई नियम बदलने जा रहे हैं। इसका सीधा आप पर भी पड़ेगा। कुछ ऐसे कदम हैं जिसके चलते राहत मिलेगी जबकि कुछ जगहों पर आपकी जेब पर बोझ बढ़ेगा।
1 अक्टूबर से एसबीआई के क्रेडिट कार्ड से पेट्रोल-डीजल खरीदने पर अब 0.75 फीसदी तक मिलने वाला कैशबैक बंद हो जाएगा। नियम में इस बदलाव के बारे में भारतीय स्टेट बैंक मैसेज भेज कर अपने ग्राहकों को जागरूक कर रहा है।
GST की दरों में कमी
केंद्र की मोदी सरकार ने 1 अक्टूबर से कई चीजों पर जीएसटी की दरों को घटाने का फैसला लिया है। अब नए जीएसटी नियमों के तहत 1000 रुपये तक के किराए वाले होटल के रूम के लिए टैक्स नहीं देना होगा। साथ ही 7500 रुपये तक किराए वाले रूम के लिए किराए पर 12 फीसदी जीएसटी देना होगा। आर्थिक नरमी के बीच बिस्कुट, होटल और रोजमर्रा के उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों समेत कई उद्योग जीएसटी दरों में कटौती की मांग कर रहे थे, जिसके बाद इसकी मंजूरी मिल गई थी। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती की मांग के पीछे दलील यह दी जा रही है कि इससे खपत और घरेलू मांग को बढ़ावा मिलेगा।
प्लास्टिक पर बैन
2 अक्टूबर से देशभर में प्लास्टिक से बने उत्पादों के इस्तेमाल पर बैन लगेगा। इसके साथ ही मोदी सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रयोग न करने के अभियान को भी शुरू किया है।
एसबीआई की ऋण ब्याज दरें एक अक्टूबर से रेपो दर पर होंगी आधारित
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) अपने लघु एवं मध्यम उद्योग ऋण, आवास ऋण, वाहन ऋण और अन्य खुदरा ऋणों पर एक अक्टूबर से ब्याज दर रेपो दर के आधार पर वसूलेगा। बैंक ने सोमवार को घोषणा की कि वह अपने सभी तरह के परिवर्तनीय ब्याज दर वाले ऋणों के लिए बाहरी मानक रेपो दर को मानेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चार सितंबर को सभी बैंकों से कहा था कि वे अपने परिवर्तनीय ब्याज दरों वाले ऋणों की ब्याज दर किसी बाहरी मानक से संबद्ध करें। एसबीआई ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘सभी परिवर्तनीय ब्याज दर वाले ऋणों के लिए हमने ब्याज दर का बाहरी मानक रेपो दर को अपनाने का निर्णय किया है।
लघु एवं उद्योग ऋण, आवास ऋण और अन्य खुदरा ऋणों पर यह ब्याज दरें एक अक्टूबर 2019 से प्रभावी होंगी।’’ रिजर्व बैंक ने बैंकों को रेपो दर, तिमाही या छमाही राजकोषीय बिल या फाइनेंशियल बेंचमार्क इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा जारी किए गए किसी भी बाजार ब्याज दर मानक में से एक को चुनने का विकल्प दिया था।