नई दिलीः देश की नरेंद्र मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2018- 19 के लिए मूल अथवा संशोधित आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की समयसीमा शनिवार (4 जुलाई) को बढ़ा दी है। आयकर विभाग ने ट्वीट कर बताया है कि मौजूदा स्थिति को ध्यान में में रखते हुए आईटीआर दाखिल करने समय सीमा को 30 नवंबर, 2020 तक बढ़ाया गया है।
इस तरह करदाता आयकर कानून की धारा 80सी (जीवन बीमा, पेंशन कोष, बचत पत्र आदि), 80डी (चिकित्सा बीमा) और 80जी (दान) के तहत 0 नवंबर, 2020 तक कर निवेश करके इन पर वित्त वर्ष 2019- 20 में कर छूट का दावा पा सकता है।
सरकार ने पहले मार्च 2020 में कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को देखते हुए कराधान और अन्य कानून (विभिन्न प्रावधानों में छूट) अध्यादेश 2020 के तहत आयकर कानून के विभिन्न अनुपालनों की समयसीमा को 30 जून 2020 तक बढ़ा दिया था। इसके बाद सीबीडीटी ने 24 जून को एक अधिसूचना जारी कर 31 जुलाई तक आईटीआर फाइल करने का समय बढ़ाया था।
बोर्ड द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया था कि करों, शुल्कों का देरी से भुगतान करने पर 9 प्रतिशत की घटी दर से ब्याज वसूले जाने की अध्यादेश में उल्लिखित सुविधा 30 जून 2020 के बाद किए जाने वाले भुगतान पर लागू नहीं होगी। सरकार ने अध्यादेश जारी कर देरी से कर भुगतान पर लगाए जाने वाले ब्याज की दर को 12 से घटाकर 9 प्रतिशत कर दिया था।
आयकर रिटर्न फॉर्म जारी किए गए थे जारी
कोविड-19 संकट के चलते सरकार के आयकर रिटर्न दाखिल करने को लेकर दी गयी विभिन्न छूटों का लाभ करदाताओं तक पहुंचाने के लिए आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2019-20 के आयकर रिटर्न फॉर्म में संशोधन किया है। सरकर ने आयकर अधिनियम-1961 के तहत रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा में कई रियायतें दी हैं। इसके लिए सरकार कराधान एवं अन्य अधिनियम (कुछ प्रावधानों से राहत) अध्यादेश- 2020 लेकर आयी है।