बुनियादी संरचना में निवेश के लिये वैश्विक पेंशन कोषों के एफडीआई प्रावधान सरल बनाने पर जोर

By भाषा | Published: May 1, 2020 05:55 PM2020-05-01T17:55:59+5:302020-05-01T17:55:59+5:30

इनमें 31 मार्च 2024 से पहले बुनियादी संरचना और अन्य अधिसूचित क्षेत्रों में निवेश के संबंध में लाभांश वितरण कर को समाप्त करना तथा उनके ब्याज, लाभांश और पूंजीगत लाभ आय पर 100 प्रतिशत कर छूट देना शामिल है।

Emphasis on simplifying FDI provision of global pension funds for investment in infrastructure | बुनियादी संरचना में निवेश के लिये वैश्विक पेंशन कोषों के एफडीआई प्रावधान सरल बनाने पर जोर

बुनियादी संरचना में निवेश के लिये वैश्विक पेंशन कोषों के एफडीआई प्रावधान सरल बनाने पर जोर

Highlightsकार्य बल के अन्य सुझावों में बांड बाजार को अधिक प्रभावी बनाना, विकास वित्त संस्थान गठित करना और जमीनें बेचकर पैसे जुटाना शामिल है। कार्य बल ने 2020-25 तक देश में बुनियादी संरचना की परियोजनाओं में कुल 111 लाख करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान व्यक्त किया है।

नयी दिल्ली: वित्त मंत्रालय द्वारा गठित एक कार्य बल ने बुनियादी संरचना विकास के वृहद लक्ष्यों को पाने के लिये आवश्यक संसाधन जुटाने के वास्ते ढांचागत परियोजनाओं में अंतरराष्ट्रीय पेंशन तथा सरकारी कोषों के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के प्रक्रियागत प्रावधानों को सरल बनाने का सुझाव दिया है। कार्य बल ने 2020-25 तक देश में बुनियादी संरचना की परियोजनाओं में कुल 111 लाख करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान व्यक्त किया है।

आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती की अध्यक्षता में राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी) का खाका तैयार करने के लिये बनाये गये कार्य बल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बुधवार को अंतिम रिपोर्ट सौंपी। कार्य बल के अन्य सुझावों में बांड बाजार को अधिक प्रभावी बनाना, विकास वित्त संस्थान गठित करना और जमीनें बेचकर पैसे जुटाना शामिल है।

आने वाले वर्षों में बुनियादी क्षेत्र की परियोजनाओं के वित्त पोषण को लेकर कार्य बल ने एक सुझाव दिया, ‘‘मंत्रालयों और नियामकों द्वारा स्वायत्त संपत्ति कोष तथा वैश्विक भविष्य निधियों द्वारा बुनियादी ढांचे में एफडीआई निवेश के प्रक्रियात्मक पहलुओं को सरल बनाने और निवेश करना आसान बनाने के उपाय किये जाने चाहिये।’’

सावरेन संपत्ति कोषों (एसडब्ल्यूएफ) और वैश्विक पेंशन कोष (जीपीएफ) लंबी अवधि के रिटर्न में दिलचस्पी लेते हैं। उनका ध्यान स्थिर व पूर्वानुमानित नकदी प्रवाह विशेष रूप से लाभांश पर होता है। कार्य बल ने बुनियादी संरचना क्षेत्र की परियोजनाओं के विकास के लिए एसडब्ल्यूएफ और जीपीएफ से निवेश आकर्षित करने के लिये बजट 2020-21 में घोषित उपायों की सराहना की।

इनमें 31 मार्च 2024 से पहले बुनियादी संरचना और अन्य अधिसूचित क्षेत्रों में निवेश के संबंध में लाभांश वितरण कर को समाप्त करना तथा उनके ब्याज, लाभांश और पूंजीगत लाभ आय पर 100 प्रतिशत कर छूट देना शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘इस बात की उम्मीद है कि ये उपाय भारत में बुनियादी ढांचा में निवेश के लिये सावरेन संपत्ति कोष व वैश्विक पेंशन कोष की धारणा में महत्वपूर्ण बदलाव लाएंगे। इनके कारण अब इस तरह के कोषों से महत्वपूर्ण निवेश आएंगे।’’ 

Web Title: Emphasis on simplifying FDI provision of global pension funds for investment in infrastructure

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