डॉलर के मुकाबले गिरते हुए रुपये के कारण रेपो रेट में बढ़ोतरी, लोन लेना पड़ेगा महंगा

By स्वाति सिंह | Published: September 6, 2018 05:12 PM2018-09-06T17:12:36+5:302018-09-06T17:12:36+5:30

स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने भी इकोरैप रिसर्च रिपोर्ट में यह बात कही है। इससे यह साफ़ है कि बैंक के इंटरेस्ट रेट में कम से कम 0.2 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।

Due to falling rupee against dollar, increase in repo rate, loan will be expensive | डॉलर के मुकाबले गिरते हुए रुपये के कारण रेपो रेट में बढ़ोतरी, लोन लेना पड़ेगा महंगा

डॉलर के मुकाबले गिरते हुए रुपये के कारण रेपो रेट में बढ़ोतरी, लोन लेना पड़ेगा महंगा

नई दिल्ली, 6 सितंबर: लगातर डॉलर के मुकाबले गिरते हुए रुपये के करण रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में और बढ़ोतरी कर सकता है। इसके चलते होम लोन और ऑटो लोन लेना महंगा हो सकता है। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि रुपये में इतनी गिरावट देखने को मिली है। गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 72 के आंकड़े से नीचे गिर गया। 

ऐसे में देश के सबसे बड़े बैंक, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने भी इकोरैप रिसर्च रिपोर्ट में यह बात कही है। इससे यह साफ़ है कि बैंक के इंटरेस्ट रेट में कम से कम 0.2 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। होम लोन से लेकर के पर्सनल लोन आदि सब में इसका असर देखने को मिलेगा। 

बता दें कि बैंक ने तीन साल तक की समय वाले लोन पर इंटरेस्ट रेट को बढ़ाया है। बैंक ने एक महीने वाले लोन 7.9 फीसदी से बढ़कर 8.1 फीसदी हो गया है। इसके साथ ही अब एक साल के समय वाले एमसीएलआर पर 8.25 फीसदी से बढ़कर 8.45 फीसदी हो गया है। 

सरकार ने भी गिरते रुपये को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा था कि रुपये में गिरावट वैश्विक कारकों की वजह से है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपये की स्थिति बेहतर है। अंतर बैंक विदेशी विनिमय बाजार में बुधवार को लगातार छठे दिन गिरावट का सिलसिला कायम रहा। पिछले छह कारोबारी सत्रों में रुपया 165 पैसे टूट चुका है। 

वित्त मंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यदि आप घरेलू आर्थिक स्थिति और वैश्विक स्थिति को देखें, तो इसके पीछे कोई घरेलू कारक नजर नहीं आएगा। इसके पीछे वजह वैश्विक है। 

जेटली ने कहा कि डॉलर लगभग सभी मुद्राओं की तुलना में मजबूत हुआ है। वहीं दूसरी ओर रुपया मजबूत हुआ है या सीमित दायरे में रहा है। उन्होंने कहा कि रुपया कमजोर नहीं हुआ है। यह अन्य मुद्राओं मसलन पाउंड और यूरो की तुलना में मजबूत हुआ है।

Web Title: Due to falling rupee against dollar, increase in repo rate, loan will be expensive

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