वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। इस बजट में उन्होंने बड़ी-बड़ी घोषणाओं के बीच गरीबों के बुढ़ापे का भी ख्याल रखा। उन्होंने प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना का जिक्र किया। इस योजना में सरकार की तरफ से पेंशन की गारंटी मिलती है। यह योजना असंगठित क्षेत्र के लिए है जिसमें ज्यादातर रिक्शा चालक, वेंडर, ईंट भट्ठा कामगार, वॉशर मैन, मिस्त्री इत्यादि लाभार्थी हैं।
यह एक ऐसी योजना है जिसमें प्रति माह एक निश्चित राशि जमा की जाती है। 60 साल की उम्र के बाद न्यूनतम प्रतिमाह 3000 हजार रुपये की पेंशन की गारंटी सरकार लेती है। अगर इस योजना के लाभार्थी की मौत हो जाती है तो उसकी पत्नी या परिवार को पेंशन की आधी राशि प्रतिमाह मिलेगी। यह योजना देश में लागू हो चुकी है। इससे पहले नेशनल पेंशन सिस्टम और अटल पेंशन योजना भी मोदी सरकार लागू कर चुकी है।
प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना की शर्तें
- सगठित क्षेत्र से जुड़ा कामगार- जिसकी उम्र 40 वर्ष से कम हो- मासिक आय 15,000 रुपये या उससे कम
प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना के फायदे
- सरकार इस स्कीम को लेने वाले को न्यूनतम 3 हजार रुपए मासिक पेंशन देगी- सरकार और पेंशन लेने वाले एक समान अमाउंट पेंशन के लिए देंगे।
इन चीज़ों की जरूरत
- आवेदन करने वाले व्यक्ति के पास सेविंग बैंक अकाउंट और आधार कार्ड होना जरूरी है। - यदि कोई 18 साल की उम्र से इस स्कीम को शुरू करता है तो उसे हर माह 55 रुपए जमा करना होंगे। - जो व्यक्ति 40 साल की उम्र से इस स्कीम को शुरू करेगा उसे हर माह 200 रुपए जमा करना होंगे।