80% टैक्स पेयर्स अपना सकते हैं नई आयकर व्यवस्था, वित्त मंत्रालय को उम्मीद-69% लोगों की होगी बचत
By स्वाति सिंह | Published: February 8, 2020 12:55 PM2020-02-08T12:55:19+5:302020-02-08T12:55:19+5:30
सरकार ने बजट से पहले 5.78 करोड़ करदाताओं का विश्लेषण किया था और पाया कि 69% लोगों को नई व्यवस्था अपनाने पर बचत होगी, जबकि 11% ऐसे हैं, जो पुरानी व्यवस्था को पसंद करते हैं. शेष 20% करदाताओं में से कुछ लोग ऐसे होंगे जो कागजी काम से बचना चाहते होंगे और नई व्यवस्था अपनाने की इच्छा रखते हों.
वित्त मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि कम-से-कम 80 फीसदी करदाता नई आयकर व्यवस्था अपना सकते हैं. राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने शुक्रवार को कहा कि बजट में नई कर श्रेणी का प्रस्ताव किया गया है. इसे अपनाने पर करदाताओं को आवास ऋण ब्याज, अन्य कर बचत योजनाओं समेत मौजूदा छूट और कटौतियों का लाभ छोड़ना होगा.
सरकार ने बजट से पहले 5.78 करोड़ करदाताओं का विश्लेषण किया था और पाया कि 69% लोगों को नई व्यवस्था अपनाने पर बचत होगी, जबकि 11% ऐसे हैं, जो पुरानी व्यवस्था को पसंद करते हैं. शेष 20% करदाताओं में से कुछ लोग ऐसे होंगे जो कागजी काम से बचना चाहते होंगे और नई व्यवस्था अपनाने की इच्छा रखते हों.
पांडेय ने कहा कि कंपनी कर में जब सितंबर में कटौती हुई तो उन्हें भी इसी प्रकार का विकल्प दिया गया और 90% कंपनियों ने कम कर दर को लेकर छूट मुक्त व्यवस्था को अपनाया.
दोनों व्यवस्था में 5 लाख तक की आय पर टैक्स नहीं
मौजूदा आयकर व्यवस्था में 50,000 रुपए की मानक कटौती और आयकर कानून की धारा 80 सी के तहत एलआईसी प्रीमियम, भविष्य निधि समेत विभिन्न बचत योजनाओं में 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर छूट जैसे प्रावधान लागू हैं. इसमें विभिन्न आय स्तरों पर 5 प्रतिशत, 20 प्रतिशत और 30 प्रतिशत की दर से टैक्स देना होता है. दोनों ही व्यवस्था में जिनकी आय 5 लाख रुपए तक है, उन्हें कर नहीं देना होगा.