मार्च 2019 तक देश के आधे से ज्यादा एटीएम हो जायेंगे बंद, ये है बड़ा कारण

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 22, 2018 08:40 AM2018-11-22T08:40:13+5:302018-11-22T08:40:13+5:30

देश में इस वक्त 2.38 लाख एटीएम कार्य कर रहे हैं. जो नए नियम आए हैं, उससे आधे से ज्यादा एटीएम बंद हो जाएंगे. बदलाव करने में ही 3,500 करोड़ रुपए का खर्च आ सकता है.

50 percent ATM will stop working from march 2019 due to software, hardware update issue | मार्च 2019 तक देश के आधे से ज्यादा एटीएम हो जायेंगे बंद, ये है बड़ा कारण

मार्च 2019 तक देश के आधे से ज्यादा एटीएम हो जायेंगे बंद, ये है बड़ा कारण

नई दिल्ली, 22 नवंबर: एटीएम के जरिये कैश निकालने वालों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।दरअसल अगले साल मार्च तक देशभर में 50 फीसदी से ज्यादा एटीएम बंद हो सकते हैं. करीब 1.13 लाख एटीएम बंद होने की स्थिति में बाकी बचे एटीएम के बाहर जल्द ही नोटबंदी के दौर जैसी लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल सकती हैं।

देश में इस वक्त 2.38 लाख एटीएम कार्य कर रहे हैं। एटीएम इंडस्ट्री की संस्था कंफेडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री (कैटमी) ने चेतावनी देते हुए कहा है कि एटीएम के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर अपग्रेड, नकदी प्रबंधन और रुपए लोडिंग को लेकर जो नए नियम आए हैं, उससे आधे से ज्यादा एटीएम बंद हो जाएंगे।

ब्राउन लेबल और व्हाइट लेबल एटीएम प्रदाता पहले ही नोटबंदी के दौरान हुए घाटे से जूझ रहे हैं। कैटमी के अनुसार एटीएम के कैश लॉजिस्टिक और कैसेट स्वैम मेथड में बदलाव करने में ही 3,500 करोड़ रुपए का खर्च आ सकता है।अगर बैंक यह बोझ उठाने से इनकार कर देता है, तो फिर एटीएम सेवा प्रदाता कंपनियों को लागत बढ़ जाने से एटीएम को बंद करना पड़ेगा। कैटमी के अनुसार एटीएम कंपनियां धीरे-धीरे इनकी संख्या घटा रही हैं क्योंकि इनको चलाने में घाटा हो रहा है. फिलहाल छोटे शहरों में एटीएम को बंद किया जा रहा है।

भारी बेरोजगारी आएगी: कंफेडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री के मुताबिक, बैंकों ने एटीएम सेवा प्रदाताओं को उनकी लागत की भरपाई नहीं की, तो बड़े पैमाने पर कॉन्ट्रैक्ट सरेंडर होंगे। 50 फीसदी से अधिक एटीएम बंद होने से इस क्षेत्र में भारी बेरोजगारी आएगी, जो पूरी अर्थव्यवस्था में वित्तीय सेवाओं के लिए हानिकारक होगी।

कैटमी के अनुसार नकदी से संबंधित साजो-सामान और ‘कैसेट स्वैप’ तरीके से ही उद्योग को करीब 3,000 करोड़ रुपये की चपत लगी है। एटीएम का रखरखाव करने वाले सेवा प्रदाता, ब्राउन लेबल एटीएम तथा व्हाइट लेबल एटीएम परिचालक अभी भी नोटबंदी के प्रभाव से उबर नहीं पाये हैं।

ब्राउन लेबल एटीएम में सेवा प्रदाता एटीएम की हार्डवेयर मशीनों का जिम्मा संभालते हैं। एटीएम के लिये जगह, पट्टा समझौता समेत सभी कार्य उन्हीं का होता है जबकि प्रायोजक बैंक नकद प्रबंधन का जिम्मा संभालते हैं। वहीं व्हाइट लेबल एटीएम का परिचालन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां करती हैं।

उद्योग के अनुसार उद्योग के लिये स्थिति से पार पाने का एकमात्र रास्ता यह है कि बैंक आगे आये और मानकों के अनुपालन की लागत का वहन करे।

Web Title: 50 percent ATM will stop working from march 2019 due to software, hardware update issue

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