कुश्ती: बजरंग पूनिया सहित विनेश फोगाट और पूजा को ग्रेड-ए, सुशील और साक्षी को ग्रेड-बी में मिली जगह
By भाषा | Published: November 30, 2018 07:27 PM2018-11-30T19:27:09+5:302018-11-30T19:27:09+5:30
दो बार के ओलंपिक पदकधारी सुशील कुमार और रियो ओलंपिक की कांस्य पदकधारी साक्षी मलिक शीर्ष ग्रेड में जगह नहीं बना सके।
गोंडा (उत्तर प्रदेश): भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने शुक्रवार को पहलवानों के लिये अनुबंध प्रणाली की शुरुआत की जिसमें स्टार पहलवान बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को पूजा ढांडा के साथ 30 लाख रुपये की राशि के शीर्ष ग्रेड-ए अनुबंध में शामिल किया गया।
इसकी उम्मीद थी कि बजरंग और विनेश को शीर्ष ग्रेड में शामिल किया जायेगा जिन्होंने इस वर्ष क्रमश: राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीते थे। पूजा ने हाल में विश्व चैंपियनशिप में पदक जीता था और वह ऐसा करने वाली चौथी भारतीय महिला बन गयी थी।
दो बार के ओलंपिक पदकधारी सुशील कुमार और रियो ओलंपिक की कांस्य पदकधारी साक्षी मलिक शीर्ष ग्रेड में जगह नहीं बना सके, दोनों पिछले कुछ समय से फार्म से जूझ रहे हैं। इन दोनों को ग्रेड बी में रखा गया है जिसमें एक साल में 20 लाख रूपये की वित्तीय मदद दी जायेगी। एक साल के बाद अनुबंधों की समीक्षा भी की जायेगी।
डब्ल्यूएफआई भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) द्वारा मान्यता प्राप्त एकमात्र राष्ट्रीय खेल महासंघ है जिसने अपने खिलाड़ियों के लिये अनुबंध की पेशकश की है और ऐसा करने वाली बीसीसीआई के बाद दूसरी खेल संस्था है।
डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ब्रज भूषण शरण सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में यहां नन्दिनी नगर सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप का उद्घाटन किया। सिंह ने कहा, 'ग्रेड की समीक्षा के बाद पहलवान ऊपर नीचे हो सकते हैं।'
उन्होंने कहा, 'सुशील ने अपने दो ओलंपिक पदकों से देश में खेल का चेहरा ही बदल दिया है। हमें यह जानते हुए भी उसे सूची में शामिल करना पड़ा, कि वह टूर्नामेंट में इतना भाग नहीं ले रहा है। साक्षी का प्रदर्शन भी उतार-चढ़ाव भरा रहा है लेकिन पहलवान अपने अच्छे प्रदर्शन से अगले वर्ग में ऊपर चढ़ सकते हैं।'
विनेश ने इस कदम की यह कहते हुए प्रशंसा की कि इससे जूनियर स्तर पर खेल को काफी फायदा होगा। उन्होंने कहा, 'जूनियर पहलवानों के लिये यह अच्छा है। इससे खिलाड़ी प्रेरित होंगे जिससे पदक, शोहरत आयेगी और सहयोग मिलेगा।'
उन्होंने साथ ही कहा, 'अब बजट भी बढ़ेगा और हम इसे ट्रेनिंग और टूर्नामेंट के लिये इस्तेमाल कर सकते हैं। हम फंड के बारे में सोचे बिना अब बेहतर योजना बना सकते हैं। मेरी योजना अगले साल कम से कम पांच टूर्नामेंट में खेलने की है, विशेषकर यूडब्ल्यूडब्ल्यू रैंकिंग के टूर्नामेंट।'
साक्षी ने कहा कि वह शीर्ष ग्रेड में नहीं आने से थोड़ी निराश हैं, उन्होंने कहा, 'हां, मैं शीर्ष ग्रेड में आने की उम्मीद कर रही थी लेकिन एक बार फिर मैं मजबूत प्रदर्शन करूंगी जिससे मेरे पास शीर्ष ग्रेड में जाने का अच्छा मौका होगा।'
सी-वर्ग में खिलाड़ियों को 10 लाख रूपये का सहयोग मिलेगा। इसमें संदीप तोमर, ग्रीको रोमन पहलवान साजन भानवाल, विनोद ओम प्रकाश, रितु फोगाट, सुमित मलिक, प्रतिभाशाली दीपक पूनिया और एशियाई खेलों की कांस्य पदकधारी दिव्या काकरान शामिल हैं। डी-वर्ग में पांच लाख रूपये की मदद मिलेगी। इसमें राहुल अवारे, नवीन, सचिन राठी, ग्रीको रोमन पहलवान विजय, रवि कुमार, सिमरन, मानसी और अंशु मलिक शामिल हैं।