Tokyo Olympics: पूजा रानी का जोरदार पंच, दीपिका कुमारी ने तीरंदाजी में किया धमाल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 28, 2021 04:00 PM2021-07-28T16:00:22+5:302021-07-28T16:04:24+5:30

Tokyo Olympics: दीपिका कुमारी ने महिला रिकर्व व्यक्तिगत वर्ग के पहले दौर में भूटान की कर्मा को 6-0 से हराया लेकिन 24वीं वरीयता प्राप्त अमेरिकी जेनिफर मुसिनो फर्नाडिस से उन्हें कड़ी चुनौती मिली।

Tokyo Olympics Indian boxer Pooja Rani Deepika Kumari reaches pre-quarters | Tokyo Olympics: पूजा रानी का जोरदार पंच, दीपिका कुमारी ने तीरंदाजी में किया धमाल

दीपिका कुमारी ने अपेक्षानुरूप प्रदर्शन करते हुए बुधवार को यहां तोक्यो ओलंपिक की तीरंदाजी प्रतियोगिता की व्यक्तिगत स्पर्धा के तीसरे दौर में जगह बनायी।

Highlightsदीपिका को भी युमेनोशिमा पार्क पर चल रही हवाओं से सामंजस्य बिठाने में परेशानी हुई।ल्जीरिया की इचरक चाएब को 5-0 से पराजित कर क्वार्टरफाइनल में प्रवेश किया। तीस साल की भारतीय ने पूरे मुकाबले के दौरान अपने से 10 साल जूनियर प्रतिद्वंद्वी पर दबदबा बनाये रखा।

Tokyo Olympics: भारतीय मुक्केबाज पूजा रानी (75 किग्रा) ने बुधवार को यहां ओलंपिक खेलों में पदार्पण करते हुए शुरुआती मुकाबले में अल्जीरिया की इचरक चाएब को 5-0 से पराजित कर क्वार्टरफाइनल में प्रवेश किया। तीस साल की भारतीय ने पूरे मुकाबले के दौरान अपने से 10 साल जूनियर प्रतिद्वंद्वी पर दबदबा बनाये रखा।

दीपिका कुमारी ने अपेक्षानुरूप प्रदर्शन करते हुए बुधवार को यहां तोक्यो ओलंपिक की तीरंदाजी प्रतियोगिता की व्यक्तिगत स्पर्धा के तीसरे दौर में जगह बनायी लेकिन तरुणदीप राय और प्रवीण जाधव दूसरे दौर से आगे बढ़ने में नाकाम रहे। विश्व की नंबर एक खिलाड़ी दीपिका को भी युमेनोशिमा पार्क पर चल रही हवाओं से सामंजस्य बिठाने में परेशानी हुई।

दो बार की एशियाई चैम्पियन दाहिने हाथ के सीधे दमदार मुक्कों से नियंत्रण बनाये हुए थीं और उन्हें चाएब के रिंग में संतुलन की कमी का भी काफी फायदा मिला। तीनों राउंड में रानी का दबदबा रहा जबकि चाएब भी अपना पहला ओलंपिक खेल रही थीं लेकिन वह मुक्के सही जगह नहीं जड़ पा रही थीं। रानी ने विपक्षी से दूरी बनाकर चतुराई भरा प्रदर्शन किया।

रानी ने पूरी बाउट के दौरान जवाबी हमले किये जबकि चाएब भी दमदार मुक्के लगाने का प्रयास कर रही थीं लेकिन वे अपने लक्ष्य से चूकते रहे। रानी का ओलंपिक का सफर काफी मुश्किलों से भरा रहा है। वह कंधे की चोट से जूझती रहीं जिससे उनका करियर खत्म होने का भी डर बना हुआ था, उनका हाथ भी जल गया था। वित्तीय सहयोग की कमी के बावजूद वह यहां तक पहुंची हैं।

उनके पिता पुलिस अधिकारी हैं जो उन्हें इस खेल में नहीं आने देना चाहते थे क्योंकि उन्हें लगता था कि मुक्केबाजी आक्रामक लोगों के लिये ही है। उन्होंने पीटीआई को दिये साक्षात्कार में कहा था, ‘‘मार लग जायेगी। मेरे पिता ने यही कहा था। उन्होंने कहा था कि यह खेल मेरे लिये नहीं है क्योंकि उन्हें लगता था कि मुक्केबाजी केवल आक्रामक (गुस्सैल) लोग ही करते हैं। ’’

दीपिका कुमारी ने महिला रिकर्व व्यक्तिगत वर्ग के पहले दौर में भूटान की कर्मा को 6-0 से हराया लेकिन 24वीं वरीयता प्राप्त अमेरिकी जेनिफर मुसिनो फर्नाडिस से उन्हें कड़ी चुनौती मिली। दीपिका ने यह मैच 6-4 से जीता। दीपिका यह ओलंपिक खेलों में व्यक्तिगत वर्ग में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इस अनुभवी भारतीय खिलाड़ी अमेरिका की 18 वर्षीय जेनिफर के खिलाफ सात अंक से शुरुआत की।

इससे उन्हें पहला सेट 25-26 से गंवाना पड़ा लेकिन अगले दो सेट में उन्होंने ‘परफेक्ट 10’ के तीन स्कोर बनाकर 28-25 और 27-25 से जीत दर्ज करके बढ़त बना दी। चौथे सेट में दीपिका का दूसरा तीर ‘बुल्स आई’ से काफी दूर चला गया और उन्हें केवल छह अंक मिले।

अमेरिकी तीरंदाज इसका फायदा उठाकर 25-24 से मुकाबले को बराबरी ला दिया। दीपिका को पांचवें सेट में जेनिफर की गलतियों का भी फायदा मिला जिसे इस भारतीय ने 26-25 से जीतकर मैच अपने नाम किया। इससे पहले दीपिका ने भूटान की कर्मा को 0-6 से हराया था।

दीपिका ने पहले और दूसरे सेट में समान 8, 9 और 9 अंक बनाकर 26-23 के समान अंतर से जीत दर्ज की। दोनों खिलाड़ियों ने तीसरे सेट में एक-एक ‘परफेक्ट 10’ जमाया लेकिन भूटानी तीरंदाज के लगातार गलतियों के कारण दीपिका ने इसमें भी 27-24 से आसान जीत हासिल की। 

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