नई दिल्ली, 24 जून: 12 साल 10 महीने के शतरंज खिलाड़ी आर प्रज्ञनानंधा ने दुनिया का दूसरा सबसे कम उम्र का ग्रैंडमास्टर बनते हुए इतिहास रच दिया है। चेन्नई के प्रज्ञनानंधा शनिवार को सबसे कम उम्र के भारतीय ग्रैंडमास्टर बन गए।
प्रज्ञनानंधा ने ये उपलब्धि इटली में ग्रेडिन ओपन में तीसरे ग्रैंडमास्टर नॉर्म के साथ हासिल की। ग्रेडिन ओपन के आठवें राउंड में प्रज्ञनानंधा ने इटली के ग्रैंड मास्टर मोरोनी जूनियर को हराते हुए ये उपलब्धि हासिल की।
दुनिया में सबसे कम उम्र में ग्रैंडमास्टर बनने का रिकॉर्ड उक्रेन के सर्जेई करजाकिन के नाम है, जिन्होंने 2002 में 12 साल 7 महीने की उम्र में ग्रैंडमास्टर बनते हुए ये उपलब्धि अपने नाम की थी। संयोग से सबसे कम उम्र में ग्रैंडमास्टर बनने वालों में चौथे नंबर पर एक और भारतीय परिमार्जन नेगी का नाम है, जो 13 साल 4 महीने की उम्र में ग्रैंडमास्टर बने थे।
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ग्रैंडमास्टर बनने के लिए आपको तीन नॉर्म और 2500 रेटिंग अंक हासिल करने होते हैं। प्रज्ञनानंधा ने अपना पहला ग्रैंडमास्टर नॉर्म नवंबर 2017 में जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप और दूसरा नॉर्म अप्रैल में ग्रीस में आयोजित हुए हेरकालियोन फिशर मेमोरियल ग्रैंड मास्टर नॉर्म टूर्नामेंट जीतते हुए हासिल किया था।
प्रज्ञनानंधा को उनकी इस आसाधरण उपलब्धि के लिए महान शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद ने बधाई दी है। आनंद ने ट्विटर पर लिखा, 'क्लब में स्वागत और बधाई प्रज्ञनानंधा!!! आपसे जल्द ही चेन्नई में मुलाकात होगी?'
मैग्नस कार्लसन 13 साल 4 महीने की उम्र में ग्रैंडमास्टर बने थे। वहीं विश्वनाथन आनंद ने 18 साल की उम्र में ये उपलब्धि हासिल की थी और वह ग्रैंडमास्टर बनने वाले पहले भारतीय हैं।
शतरंज इतिहास में सबसे युवा ग्रैंडमास्टर
1. सर्जेई करजाकिन (उक्रेन) 12 साल, महीना2. आर प्रज्ञनानंधा (भारत) 12 साल, 10 महीना3. नॉडिरबेक अब्दुसत्तोरोव (उजबेकिस्तान) 13 साल, 1 महीना4. परिमार्जन नेगी (भारत) 13 साल, 4 महीना5. मैग्नस कार्लसन (नॉर्वे) 13 साल, 4 महीना