संजीता चानू पर लगा बैन IWF ने हटाया, कॉमनवेल्थ गेम्स में दो बार जीत चुकी हैं गोल्ड मेडल
By भाषा | Published: January 23, 2019 01:10 PM2019-01-23T13:10:47+5:302019-01-23T13:10:47+5:30
गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेल 2018 में भाग लेने वाली संजीता ने 53 किलो वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था।
नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (IWF) ने दो बार की राष्ट्रमंडल खेल स्वर्ण पदक विजेता के संजीता चानू पर डोप टेस्ट में नाकाम रहने पर लगा अस्थायी निलंबन वापस ले लिया है। करीब एक साल तक चले मामले में संजीता के नमूने के नंबर को लेकर प्रशासनिक गड़बड़ी की आशंका जताई गई थी।
आईडब्ल्यूएफ ने बताया कि मामले पर अंतिम फैसला जल्दी ही लिया जायेगा। आईडब्ल्यूएफ की वकील इवा निरफा ने संजीता और भारतीय भारोत्तोलन महासंघ को भेजे ईमेल में कहा, 'हम तक मिली जानकारी के आधार पर आईडब्ल्यूएफ ने फैसला किया है कि के संजीता पर लगाया गया अस्थायी निलंबन 22 जनवरी 2019 को हटा लिया जाये।'
इसमें कहा गया, 'आईडब्ल्यूएफ सुनवाई पेनल आने वाले समय में इस पर फैसला लेगी।'
गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेल 2018 में भाग लेने वाली संजीता ने 53 किलो वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था। उसे स्टेरायड टेस्टोस्टेरोन के सेवन का दोषी पाया गया। उसके मूत्र का नमूना अमेरिका में नवंबर 2017 में हुई विश्व चैम्पियनशिप से पहले लिया गया था । उस पर 15 मई को अस्थायी प्रतिबंध लगाया गया था ।
आईडब्ल्यूएफ की पेनल इस पर अंतिम फैसला लेगी लेकिन संजीता ने कहा कि उसकी बेगुनाही साबित हो गई है ।
उसने प्रेस ट्रस्ट से कहा, 'मुझे अंतरराष्ट्रीय महासंघ का ईमेल मिला है और हमारे राष्ट्रीय महासंघ ने भी सुबह फोन पर इसकी जानकारी दी । मैं राहत महसूस कर रही हूं। मैं बेकसूर हूं और मैने कभी अपने कैरियर में कोई प्रतिबंधित पदार्थ नहीं लिया।'
उसने कहा, 'मैने अंतरराष्ट्रीय महासंघ की गलती की वजह से पिछले आठ नौ महीने में काफी मानसिक पीड़ा झेली है। कभी किसी खिलाड़ी के साथ ऐसा नहीं हो क्योंकि खिलाड़ी की साख बहुत कीमती होती है।'
संजीता ने कहा कि भारतीय भारोत्तोलन महासंघ ने उसे राष्ट्रीय शिविर में शामिल होने को कहा है। उसने कहा, 'महासंघ के अधिकारी ने मुझसे कहा है कि यदि में राष्ट्रीय शिविर में आना चाहती हूं तो लिखूं। मैं वही करूंगी। मै एशियाई खेल और विश्व चैम्पियनशिप में भाग नहीं ले सकी। मैं इस साल विश्व चैम्पियनशिप खेलकर ओलंपिक 2020 के लिये क्वालीफाई करना चाहती हूं।'
आईडब्ल्यूएफ ने पिछले साल जुलाई में अपनी गलती स्वीकार की थी कि वह अपनी रिपोर्ट में संजीता के नमूने का सही नंबर नहीं दे सका। उसने संजीता के डोप टेस्ट में नाकाम रहने की सूचना देने वाले ईमेल में नमूने के दो अलग अलग नंबर दिये थे।