चक्का फेंक खिलाड़ी कमलप्रीत कौर पर एक्शन, स्टेरॉयड के इस्तेमाल पर तीन साल का बैन, प्रतिबंध 29 मार्च 2022 से प्रभावी, टोक्यो ओलंपिक में किया था धमाकेदार प्रदर्शन
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 12, 2022 08:46 PM2022-10-12T20:46:00+5:302022-10-12T20:47:03+5:30
एआईयू ने सात मार्च को पटियाला में कमलप्रीत कौर का जो नमूना जांच के लिए लिया था उसे परीक्षण में स्टेरॉयड के लिए पॉजिटिव पाया गया जिसके बाद इस साल मई में उन्होंने अस्थाई रूप से निलंबित किया गया था।
नई दिल्लीः टोक्यो ओलंपिक में अपने प्रदर्शन से प्रभावित करने वाली भारत की शीर्ष चक्का फेंक खिलाड़ी कमलप्रीत कौर पर बुधवार को प्रतिबंधित पदार्थ स्टेनोजोलोल के इस्तेमाल के लिए तीन साल का प्रतिबंध लगाया गया। एथलेटिक्स इंटीग्रिटी इकाई (एआईयू) ने यह घोषणा की।
कमलप्रीत पर लगा प्रतिबंध 29 मार्च 2022 से प्रभावी होगा। एआईयू ने सात मार्च को पटियाला में उनका जो नमूना जांच के लिए लिया था उसे परीक्षण में स्टेरॉयड के लिए पॉजिटिव पाया गया जिसके बाद इस साल मई में उन्होंने अस्थाई रूप से निलंबित किया गया था। स्टेनोजोलोल एक विशिष्ट एनाबोलिक स्टेरॉयड है और विश्व एथलेटिक्स के अनुसार यह प्रतिबंधित पदार्थों की सूची में शामिल है।
The Athletics Integrity Unit (AIU) bans India's discus thrower Kamalpreet Kaur for 3 years for the presence/use of a prohibited substance (Stanozolol), starting from 29 March 2022.
— ANI (@ANI) October 12, 2022
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एआईयू ने बयान में कहा, ‘‘एआईयू ने भारत की कमलप्रीत कौर को प्रतिबंधित पदार्थ (स्टेनोजोलोल) की मौजूदगी/इस्तेमाल करने पर 29 मार्च 2022 से तीन साल के लिए प्रतिबंधित किया है। उनके नतीजे सात मार्च 2022 से अमान्य होंगे।’’ कमलप्रीत ने अपने बी नमूने की जांच कराने से इनकार कर दिया है।
एआईयू ने कहा, ‘‘11 अप्रैल 2022 को खिलाड़ी ने पुष्टि की थी कि जब तक खर्च में उनकी सहायता नहीं की जाती तब तक वह बी नमूने के आकलन या ए नमूने और/या बी नमूने के प्रयोगशाली दस्तावेजीकरण पैकेज (एलडीपी) के लिए आग्रह नहीं करेंगी।’’ कमलप्रीत टोक्यो खेलों में शानदार प्रदर्शन करते हुए छठे स्थान पर रहीं थी।
कमलप्रीत ने पिछले साल टोक्यो खेलों से पहले 65.06 मीटर का राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था। उन्होंने तोक्यो खेलों के दौरान क्वालीफाइंग दौर में दूसरे स्थान पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाई थी जहां वह 63.70 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ सातवें स्थान पर रहीं थी। यह खेलों में किसी भारतीय खिलाड़ी का फील्ड स्पर्धाओं में तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।
छब्बीस साल की कमलप्रीत ने निजी प्रयोगशाला में चार सप्लीमेंट का आकलन कराया था और एक प्रोटीन सप्लीमेंट में ‘स्टेरॉयड के अंश’ मिले थे। उन्हें नयी दिल्ली में राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला में प्रोटीन सप्लीमेंट के परीक्षण की स्वीकृति मिली थी जिसमें स्टेनोजोलोल मिला था।
कमलप्रीत को इसके बाद बुलाया गया और उन्होंने कहा कि वह 10 से 15 फरवरी 2022 के आसपास से ट्रेनिंग के दिनों के दौरान हफ्ते में पांच दिन प्रोटीन सप्लीमेंट ले रहीं थी और उन्होंने डोप नियंत्रण से दो दिन पहले भी ऐसा किया। हालांकि वह यह स्पष्टीकरण नहीं दे पाईं कि उन्हें ये सप्लीमेंट कहां से मिले।
एआईयू ने इसके बाद सात सितंबर के खिलाड़ी को आरोपों का नोटिस दिया। कमलप्रीत ने एआईयू से नोटिस मिलने के 20 दिन के भीतर उल्लंघन की बात और साथ ही प्रस्तावित सजा स्वीकार कर ली और उनका प्रतिबंध चार साल से घटाकर तीन साल कर दिया गया।