क्रिकेट खिलाड़ियों की तरह भारतीय पहलवानों के आएंगे 'अच्छे दिन', इस बड़े बदलाव की ओर भारतीय कुश्ती
By विनीत कुमार | Published: October 31, 2018 01:27 PM2018-10-31T13:27:57+5:302018-10-31T13:30:23+5:30
अगर नई व्यवस्था लागू होती है तो इससे करीब 150 पहलवानों का बड़ा फायदा हो सकता है।
नई दिल्ली: भारत में जल्द ही कुश्ती में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। रिपोर्ट्स के अनुसार क्रिकेट के खिलाड़ियों की तरह कुश्ती में भी पहलवानों के साथ केंद्रीय अनुबंध के सिस्टम को लागू किया जा सकता है। अगर ऐसा होता है कुश्ती देश का पहला ऐसा ओलंपिक खेल होगा जहां इस तरह की व्यवस्था शुरू होगी। इस व्यवस्था के तहत पहलवानों की पहचान उनके तमाम अंतर्राष्ट्रीय इवेंट्स में प्रदर्शन के आधार पर की जाएगी।
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार कुश्ती के मैचों के लाइव प्रसारण के लिए भी एक बड़े स्पोर्ट्स चैनल से ब्रॉडकास्टिंग के करार की बात जारी है। इसके तहत अगले साल 2019 से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मैचों के करीब 100 दिन के प्रसारण की बात पक्की होगी।
रिपोर्ट्स के अनुसार केंद्रीय अनुबंध करार की शुरुआत 15 नवंबर से हो सकती है। इससे करीब 150 पहलवानों को फायदा होगा। इसमें शीर्ष पहलवानों के अलावा जूनियर, सब-जूनियर, अंडर-15 और अंडर-23 वर्ग के पहलवान शामिल होंगे। साथ ही इस करार का हर साल रिव्यू किया जाएगा।
सीनियर पहलवानों का वर्गीकरण पांच हिस्सों में जबकि जूनियर खिलाड़ियों के लिए चार हिस्सों में किया जाएगा। इसके तहत ओलंपिक, वर्ल्ड चैम्पियनशिप, एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स और यूथ ओलंपिक्स सहित दूसरे बड़े टूर्नामेंटों में प्रदर्शन को आधार माना जायेगा। वित्तीय व्यवस्था कैसी होगी, इस पर इस हफ्ते के आखिर तक अंतिम फैसला हो सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार इस पूरे मसले पर एक बैठक मंगलवार को रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के दिल्ली स्थित मुख्यालय में किया जाएगा। इसमें WFI के अधिकारियों सहित, इसके कमर्शियल पार्टनर स्पोर्टी सौल्यूशन के अधिकारी और 15 पहलवानों ने हिस्सा लिया। बैठक में शामिल पहलवानों में सुशील कुमार, बजरंग, योगेश्वर दत्त, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और दिव्या काकरन जैसे नाम हैं।
मिली जानकारी के अनुसार WFI पिछले कुछ दिनों से लगातार केंद्रीय अनुबंध को लेकर खिलाड़ियों से चर्चा कर रहा था और पहलवानों ने इसे लेकर मंगलवार को अपनी सहमति जता दी।