बजरंग पूनिया, रवि दहिया ने कटाया विश्व चैम्पियनशिप का टिकट
By भाषा | Published: July 26, 2019 02:59 PM2019-07-26T14:59:18+5:302019-07-26T15:53:05+5:30
बजरंग की 65 किग्रा भारवर्ग में मौजूदगी के कारण ज्यादातर पहलवानों ने खुद को इस मुकाबले से दूर रखा। उन्हें चुनौती देने सिर्फ मौजूदा राष्ट्रीय चैम्पियन हरफुल सिंह पहुंचे।
स्टार पहलवान बजरंग पूनिया को विश्व चैम्पियनशिप में जगह पक्की करने के लिए चार मिनट से भी कम का समय लगा जबकि रवि कुमार दहिया ने शुक्रवार को चयन ट्रायल्स का सबसे प्रतिस्पर्धी मुकाबला जीतकर इसका टिकट कटाया। विश्व चैम्पियनशिप का आयोजन कजाखस्तान में 14 से 22 सिंतबर तक होगा। यह टूर्नामेंट ओलंपिक क्वालीफाइंग प्रतियोगिता है।
बजरंग की 65 किग्रा भारवर्ग में मौजूदगी के कारण ज्यादातर पहलवानों ने खुद को इस मुकाबले से दूर रखा। उन्हें चुनौती देने सिर्फ मौजूदा राष्ट्रीय चैम्पियन हरफुल सिंह पहुंचे। विश्व रैंकिंग में पहले स्थान पर काबिज बजरंग को हालांकि हरफूल चुनौती नहीं दे सके। हरफूल घुटने मे चोट के कारण मुकाबले के दूसरे दौर तक प्रतिस्पर्धा भी नहीं कर सके।
दूसरे दौर में बजरंग ने उनके दांए पैर पर मजबूत पकड़ बनायी जिससे वह पार नहीं पा सके। मुकाबला (बाउट) रोके जाते समय बजरंग 7-0 से आगे थे। उन्होंने कहा, ‘‘ मुकाबला पूरे छह मिनट तक चलता तो मेरे लिए और यहां आए प्रशंसकों के लिए यह अच्छा होता। इस तरह से मुकाबला खत्म होना ठीक नहीं है। किसी पहलवान के चोटिल होने से बहुत बुरा लगता है। हम सब कड़ी मेहनत करते हैं और मुझे उसके लिए बुरा लग रहा है।’’
प्रतिभाशाली संदीप तोमर और उत्कर्ष काले सहित सात पहलवान 57 किग्रा वर्ग में शामिल थे। हालांकि पिछले साल अंडर -23 विश्व चैम्पियनशिप के रजत पदक विजेता रवि ने इसमें बाजी मार कर कजाखस्तान का टिकट कटाया। कोच विरेन्द्र की देख रेख में छत्रसाल स्टेडियम में प्रशिक्षण लेने वाले रवि ने फाइनल मुकाबले में राहुल को 12-2 से हराया। राहुल ने इससे पहले 2016 के एशियाई चैम्पियन संदीप तोमर को हराया था जबकि रवि ने काले को शिकस्त दी थी।
हरियाणा के 22 साल के रवि ने कहा, ‘‘विश्व चैम्पियनशिप में काफी कड़ा मुकाबला होगा। एशिया कुश्ती का गढ़ हैं। वहां जापान, ईरान, मंगोलिया और कजाखस्तान के पहलवानों से कड़ी टक्कर मिलेगी। मैं कड़ी मेहनत कर रहा हूं और अच्छे नतीजे की उम्मीद है।’’
दीपक पूनिया ने 86 किग्रा वर्ग में पवन के खिलाफ 5-0 से जीत दर्ज की। इस वर्ग में सिर्फ यही दो पहलवाना दावेदारी पेश कर रहे थे। छत्रसाल स्टेडियम में कोच विरेन्द्र के साथ प्रशिक्षण करने वाले 20 साल के दीपक के पास अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों का अनुभव हैं। मौसम खत्री ने 97 किग्रा भारवर्ग में सत्यव्रत कादियान को 8-1 से शिकस्त दी।
रियो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत के खिलाफ खत्री ने शानदार बचाव करने के साथ जवाबी हमला भी किया। सुमित मलिक ने भी कजाखस्तान के लिए टिकट हासिल किया। उन्होंने 125 किग्रा भारवर्ग में सतेन्द्र को 3-0 से हराया। ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार हालांकि शुक्रवार को ट्रायल्स में भाग नहीं ले सके क्योंकि 74 किग्रा में उनके प्रतिस्पर्धी जितेन्द्र कुमार और प्रवीण कुमार चोटिल है। दोनों पहलवानों ने चोट से वापसी के लिए और अधिक समय मांगा जिसे डब्ल्यूएफआई ने मान लिया।